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Allahabad HC: शाही-ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण की मांग वाली अर्जी कोर्ट ने की स्वीकार

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Allahabad HC: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार, 14 दिसंबर को कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में शाही-ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए एक कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग करने वाली अर्जी स्वीकार कर ली। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने एक हिंदू देवता, भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य हिंदू पक्षों की ओर से दायर एक आवेदन पर आज यह निर्देश पारित किया। यह आवेदन उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित एक मूल मुकदमे के हिस्से के रूप में दायर किया गया था। जिसमें दावा किया है कि मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि भूमि पर बनाई गई थी।

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Allahabad HC: याचिकाकर्ता ने लगाए कई आरोप

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए विभिन्न संकेत मौजूद हैं कि शाही-ईदगाह मस्जिद वास्तव में एक हिंदू मंदिर है। इसलिए, आवेदकों ने अदालत से साइट की जांच के लिए एक आयोग नियुक्त करने का आग्रह किया। बता दें कि यह आवेदन अधिवक्ता हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन ने दायर किया गया था।

Allahabad HC: सिविल कोर्ट ने पहले खारिज किया था मुकदमा

एक सिविल कोर्ट ने पहले पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत मामले को स्वीकार करने पर रोक का हवाला देते हुए 30 सितंबर, 2020 को मुकदमा खारिज कर दिया था। हालांकि, मथुरा जिला न्यायालय के समक्ष एक अपील के बाद इस फैसले को पलट दिया गया था। अपीलकर्ताओं ने दावा किया था कि भगवान कृष्ण के भक्तों के रूप में, उन्हें भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत अपने मौलिक धार्मिक अधिकारों के तहत मुकदमा दायर करने का अधिकार है। मई 2022 में मथुरा जिला न्यायालय ने माना कि मुकदमा चलने योग्य था।

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