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Social Media Influencer प्रिया सिंह का आरोप- ‘बॉयफ़्रेंड ने गाड़ी से कुचला, मुझे मरने के लिए छोड़ दिया’

Social Media Influencer

Priya Singh, PC: ANI

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सोशल मीडिया इन्फ़्ल्यूएंसर प्रिया सिंह ने आरोप लगाया कि उनके बॉयफ़्रेंड ने उन्हें कार से कुचल कर सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया. प्रिया सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में इसकी जानकारी दी.

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प्रिया सिंह के इंस्टाग्राम पर 11 लाख से अधिक फ़ॉलोअर हैं.

लड़की का आरोप.. पहले से शादीशुदा था बॉयफ्रेंड

प्रिया सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, “मेरा मेरे बॉयफ़्रेंड के साथ साढ़े चार साल का रिलेशनशिप था. हम दोनों एक दूसरे के साथ प्यार करते थे. वो शादीशुदा था, ये मुझे पहले पता नहीं था. जब मुझे (उसकी पत्नी के बारे में) पता चला तो उसने कहा कि मैंने तलाक दे दी है और अब मुझे आपके साथ ही रहना है. उसने कहा कि वो मुझसे शादी करना चाहता है. मैं उसके साथ लंबे समय से रह रही थी. जब मैं उस रात उससे मिलने गई तो वह अपनी पत्नी के साथ था. मुझे सदमा लगा, जब मैं उससे बात करना चाही तो वो आक्रामक हो गया. हमारी लड़ाई झगड़े हुए.”

“मेरे दाएं पैर में तीन हड्डियां टूटी हुई हैं उसमें रॉड डाला हुआ है. लेफ्ट साइड की बॉडी में कंधे से कुल्हे तक गंभीर चोटें आई हैं, मैं अपनी बॉडी को हिला पाने में ही असमर्थ हूं. कुल्हे में नस दबी हुई है. मैं अपनी बॉडी को कहीं से भी मूव नहीं कर पा रही हूं.”

प्रिया सिंह ने बताया, “मैंने चार दिन पहले एफ़आईआर दर्ज की थी. तब से कोई कार्रवाई नहीं की गई. आज जब मैंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो पुलिस आई है, बातचीत हुई है और मुझे उनका समर्थन मिल रहा है.”

पुलिस का पक्ष

ठाणे पुलिस डीसीपी अमर सिंह अमरसिंह जाधव ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा, “सुबह चार बजे होटल कोर्टयार्ड के सामने पीड़ित के साथ विश्वजीत गायकवाड़, रोमिल पाटिल और सागर शेल्के के बीच में कुछ झगड़ा हुआ. उसके बाद पीड़ित अस्पताल में भर्ती हो गईं. पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया है. उनके बयान के अनुसार आईपीसी की धारा 279, 338, 504 और 323 के तहत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी गई है.”

प्रिया सिंह की वकील दर्शना पवार ने इस मामले में मीडिया को बताया, “प्रिया सिंह को बहुत गंभीर चोटें आई हैं. उन पर उनके बॉयफ़्रेंड ने गाड़ी चढ़ा दी थी. वो कम से कम अगले तीन महीने के लिए नहीं चल सकेंगी. आईपीसीए की धारा 307, 356 के तहत बयान लिया जाना चाहिए लेकिन वो नहीं लिया गया है. हम जांच करने वाले अधिकारी से इसके लिए कह रहे हैं. चार दिन हो गए हैं लेकिन अब तक इन धाराओं के तहत बयान नहीं दर्ज किया गया है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम माननीय उच्च न्यायालय से इसकी गुहार लगाएंगे.”

वहीं महाराष्ट्र सरकार में वन एवं संस्कृति राज्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने इस मामले में कहा कि, “वो किसी ऑफ़िसर का हो या बड़े नेता का बेटा हो. उसे हमारे संविधान की ताक़त से बने क़ानून के चाबुक की मार उसे सहना ही पड़ेगा, वो चाहे कोई भी व्यक्ति हो, उसने अगर ये पाप किया है तो पाप की सज़ा उसे ज़रूर मिलेगी.”

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