राजस्थान हाईकोर्ट ने विधवा महिला के संरक्षण के अपील को किया खारिज, महिला ने विवाहित पुरुष के संग रहने की जताई इच्छा
कोर्ट ने एक विधवा महिला को संरक्षण देने से इनकार कर दिया। मामला राजस्थान हाईकोर्ट का है जहां सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विधवा महिला के संरक्षण के अपील को खारिज कर दिया।
क्या है मामला
राजस्थान हाईकोर्ट में विधवा महिला ने अदालत को बताया कि उसके पति की मृत्यु के बाद उसके साथ 3 बच्चे थे और उसका कोई सहारा नही था। इसलिए उसने शादी करने का फैसला किया। विधवा महिला बताया कि जिस आदमी से वो शादी करना चाहती है वो विवाहित है लेकिन अपनी पत्नी से अलग रह रहा है।
आगे विधवा महिला ने ये भी दावा किया कि उसने जून 2021 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उससे शादी की और अब वे पति और पत्नी के रूप में रह रहे हैं, हालांकि, कुछ लोग उनके रिश्ते से खुश नहीं हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं, इस प्रकार उसने कोर्ट से पुलिस सुरक्षा की मांग की थी।
कोर्ट: ऐसे रिश्ते अवैध’ और ‘असामाजिक’
राजस्थान उच्च न्यायालय ने कहा कि इस तरह के संबंध लिव-इन रिलेशनशिप के दायरे में नहीं आते हैं, बल्कि ऐसे रिश्ते ‘पूरी तरह से अवैध‘ और ‘असामाजिक‘ होते हैं।
जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘उन्हें पुलिस सुरक्षा देना उनके अवैध संबंधों को मान्यता देना ऐसे अवैध संबंधों के लिए परोक्ष रूप से सहमति देना होगा, जो कि कानूनी रुप से वैध नहीं है, इसलिए पुलिस सुरक्षा के अनुरोध को खारिज कर दिया जाता है’