Rajasthan में बनाए गए 19 नए जिले, देखिए पूरी लिस्ट

राजस्थान में 19 नए जिले बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में 19 नए जिले बना दिए गए हैं। अब राजस्थान में 52 जिले होंगे। सरकार नए बने जिलों का 2 हजार करोड़ से विकास करेगी। दरअसल, राजस्थान चुनावी राज्य है। इस साल राज्य में विधानसभा का चुनाव होना है, जिसको लेकर सत्ता पर काबिज कांग्रेस जनता को लुभाने की कोशिश में जुट गई है। 19 जिलों के साथ-साथ तीन नए संभाग भी बनाए गए हैं। भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य में इन जिलों की मांग लंबे अर्से से उठ रही थी।
ये हैं नए जिले
राजस्थान में 19 नए जिले बनाए गए हैं। श्रीगंगानगर विधानसभा में अनूपगढ़ को जिला बनाया है। इसको लेकर एक दिलचस्प किस्सा भी है, क्योंकि जिला बनने तक पैर में जूते नहीं पहनने की कसम खाने वाले विधायक मदन प्रजापति की मांग भी पूरी हो गई है। उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक अनूपगढ़ जिला नहीं बन जाएगा, तब तक वो जूते नहीं पहनेंगे। सबसे ज्यादा जिले जयपुर में बनाए गए हैं। जयपुर में 4 ने जिले बनाए हैं, जिसमें जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, कोटपुतली-बहरोड़ और दूदू को जिला बनाया गया है। बाड़मेर जिले के बालोतरा को भी जिले का दर्जा दिया गया है।
नागौर में कुचामन-डीडवाना को नया जिला बनाया गया है। जोधपुर में भी दो जिले बने हैं। जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है। जालौर में नया जिला सांचोर बना है। सलूंबर को भी जिला बनाया गया है, यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है। इसके अलावा अजमेर में केकड़ी और ब्यावर को भी जिला बनाया गया है। अलवर के खैरथल को भी जिले का दर्जा दिया गया है। भीलवाड़ा के शाहापुरा को भी जिला बनाया गया है।
नीम का थाना को भी जिले का दर्जा दिया गया है। भरतपुर के डिग को भी नए जिलों में शामिल किया गया है। सवाईमाधोपुर गंगापुर सिटी को भी जिला बनाया गया है। 19 नए जिलों के अलावा अब सीकर, पाली और बांसवाड़ा नए संभाग होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के कारण राजस्थान में हमारे कई जिले ऐसे हैं, जहां जिला मुख्यालय से कई इलाकों की दूरी 100 किलोमीटर से भी ज्यादा है। इस कारण आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही कई जिलों की जनसंख्या भी अत्यधिक होने के कारण प्रशासन का हर परिवार तक पहुंचना कठिन हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि जिला अपेक्षाकृत छोटा होने से प्रशासन प्रबंधन और कानून-व्यवस्था पर निगरानी-नियंत्रण सहज और सुगम हो जाता है। देश के विभिन्न राज्य नए जिले बनाने में हमसे आगे रहे हैं। वहां पर जिलों की संख्या दोगुनी-तीन गुनी हो गई है। अभी हाल ही में भौगोलिक दृष्टि से हमसे छोटे राज्य पश्चिम बंगाल ने भी सात नए जिलों की घोषणा की है।
ये भी पढ़ें: अजमेर के पास पटरी से उतरा Aravali Express train का डिब्बा