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RAJASTHAN  ELECTIONS:  मुख्यमंत्री गहलोत के सामने महेंद्र सिंह राठौड़, पायलट का मुकाबला पूर्व MLA से

Rajasthan Assembly Elections 2023

राजस्थान चुनाव में CM अशोक गहलोत के सामने होंगे महेंद्र सिंह राठौड़

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Rajasthan Assembly Elections 2023: अगले साल होने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव ने दस्तक दे दी है. बीजेपी ने अपने 182 खिलाड़ियों को रणभूमि में उतार दिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने भाजपा ने सरदारपुरा विधानसभा सीट से महेंद्र सिंह राठौड़ को टिकट दिया है. राठौड़ जोधपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सामने पार्टी ने अजीत सिंह मेहता को टिकट दिया है। मेहता टोंक सीट से एक बार विधायक भी रह चुके हैं.

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Rajasthan Assembly Elections 2023: सीएम गहलोत के सामने महेंद्र सिंह राठौड़

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं और क्यास लगाए जा रहे थे कि इनके मुकाबले में बीजेपी अपने कद्दावर नेता गजेंद्र सिंह शेखावत, रविंद्र सिंह भाटी, राजेंद्र गहलोत को रण में उतार सकती है. लेकिन बीजेपी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने महेंद्र सिंह राठौड़ को टिकट दिया है.

पायलट के सामने टिक पाएंगे पूर्व MLA ?

बीजेपी ने पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ टोंक विधानसभा सीट से अजीत सिंह मेहता को टिकट दिया है। मेहता 2013 में चुनाव जीतकर इस सीट से विधायक बने थे। उस दौरान उन्होंने 30 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। हालांकि, उस समय उनका मुकाबला पायलट से नहीं हुआ था। उस दौरान पायलट सांसद थे। इससे पहले मेहता भाजपा में मंडल अध्यक्ष और जिला उपाध्यक्ष जैसे पदों पर भी रह चुके हैं।

Rajasthan Assembly Elections 2023: गहलोत को टक्कर देंगे महेंद्र सिंह राठौड़

सीएम गहलोत के सामने भाजपा ने सरदारपुरा सीट पर पूर्व अध्यक्ष महेंद्र सिंह राठौड़ को उतारा हैं. गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, साथ ही प्रदेश की राजनीति में उनका कद काफी बड़ा है. जबकि राठौड़ अपना पहला चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ऐसे में गहलोत का गढ़ रही सरदारपुरा सीट पर उनका जीतना काफी मुश्किल माना जा रहा है. कुछ राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि राजनीतिक पार्टियां अक्सर ऐसा ही करती हैं. विपक्षी पार्टी के बड़े नेता के सामने बड़ा नेता नहीं खड़ा करती हैं. क्योंकि बड़े नेता के हारने से पार्टी की छवि खराब होती है. साथ ही जिस सीट पर वह जीत सकता है, उसे वहां से हटाने पर उस सीट पर भी हार का खतरा हो जाता है.

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