Advertisement

PAINFULL: टूटी झुग्गियां तो आँख में आँसू, आवाज में सिसकियां

PAINFULL

PAINFULL

Share
Advertisement

PAINFULL: आँखों में आंसू और आवाज में सिसकियां बहुत कुछ कह रहीं थीं। वो बता रहीं थी बिहार सरकार के नुमाइंदे जिसे महज झुग्गी झोपड़ी समझकर तोड़ने में लगे हैं वो ही हमारे लिए हमारा आशियाना है। वो जगह है जहां हम हर खुशी और गम परिवार के साथ बांट लिया करते हैं। जैसा भी हो लेकिन गर्मियों में तपती धूप और लू थपेड़े जब सहन नहीं होते, जब सहन नहीं होती तेज बारिश, जब हाड़ कंपा देती ठंड की ठिठुरन तो हम मिलकर बैठते हैं इसी छत के नीचे। एक दूसरे के हौसलों की गर्माहट से ताप लेते हैं उम्मीदें और फिर जुट जाते हैं जिंदगी को संवारने में।

Advertisement

सरकारी जमीन पर बनी थीं झुग्गी झोपड़ियां

ये दर्द भागलपुर जिले में झुग्गियों में रह रहे मजदूरों का है। दरअसल भागलपुर प्रशासन ने जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र के कमरामपुर स्थित बिहार सरकार की जमीन पर रह रहे चालीस परिवारों के घरों को बुल्डोजर चला कर तोड़ दिया। ये लोग इस जमीन पर झुग्गी झोंपड़ी बनाकर रह रहे थे। इन लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से रहने को कोई और जगह नहीं दी गई। लेकिन प्रशासन ने ऐसा करके हमें बेघर कर दिया है।

PAINFULL: ‘मदद कीजिए, हम कहां जाएंगे’

वहां मौजूद सोनू ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पिता की मौत हो गई है। हम मजदूरी करते हैं, मेरा अपना कोई ठिकाना नहीं है, घर है, न जमीन। झुग्गी झोपड़ी बनाकर यहां सालों से रह रहे थे। बुल्डोजर से हमारी झोपड़ी तोड़ी जा रही है। मदद कीजिए, हम कहां जाएंगे। हमारा कोई नहीं है।

भूमिहीनों को बसाने के दावे खोखले

इन लोगों का कहना है कि सरकार तो भूमिहीनों को बसाने का दावा करती है लेकिन हमारी तो झोपड़ियां भी तोड़ी जा रही हैं। इसके बदले हमें रहने को कोई जगह भी नहीं दी जा रही।

रिपोर्टःअमरजीत कुमार, संवाददाता, भागलपुर, बिहार

ये भी पढ़ें:FACILITY FROM RAILWAY: नारायण रोड घाट पर रुकेंगी कई ट्रेन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें