सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पटाखों पर रोक के फैसले को किया रद्द, कहा- बंगाल कोई अपवाद नही
नई दिल्ली: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें पश्चिम बंगाल में काली पूजा, दिवाली, छठ पूजा, जगाधत्री पूजा, गुरु नानक जयंती और नए साल के त्योहारों के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था।
जस्टिस एएम खानविलकर और अजय रस्तोगी की एक विशेष अवकाश पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही पटाखों के उपयोग को विनियमित करने का आदेश पारित कर चुका है जो प्रदूषणकारी सामग्री का उपयोग करते हैं और पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं हो सकता है।
बता दें जुलाई 2021 और अक्टूबर 2021 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति देते हुए पटाखों में बेरियम सॉल्य के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस आधार पर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था कि कार्यपालिका के लिए उल्लंघन करने वालों की पहचान करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना व्यावहारिक रूप से असंभव होगा क्योंकि ग्रीन पटाखों और बेरियम युक्त पटाखों में भेद कर पाना असंभव है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दीवाली के दौरान मोम और तेल के दिये के प्रयोग की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि शीर्ष न्यायालय का आदेश सभी राज्यों पर लागू होता है और पश्चिम बंगाल कोई अपवाद नही है।