Advertisement

बेटे को अस्पताल ले जा रही थी मां, भीड़ ने वैन में लगाई आग, 3 की मौत

Share
Advertisement

मणिपुर में भीड़ ने एक एंबुलेंस में आग लगा दी। जिसमें सवार एक बच्चा, उसकी मां और रिश्तेदार जल कर मर गए। दरअसल, गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे को सर में गोली लग गई थी। जिसके चलते उसे एंबुलेंस से इंफाल के अस्पताल ले जाया जा रहा था।

Advertisement

यह घटना रविवार की शाम इरोइसेंबा इलाके में हुई। मणिपुर के पश्चिम इंफाल जिले में भीड़  ने एंबुलेंस में आग लगा दी। जिसके कारण तीन लोगो की मौत हो गई। आपको बता दें कि जिनकी मौत हुई वे मैतई जाती के थे। वे कंग्चुप के असम राइफल्स के राहत कैंप में रह रहे थे। इलाके में 4 जून की शाम को गोलाबारी हुई जिसमें बच्चे तोंसिंग हैंगिंग को सर में गोली लग गई।

सूत्रों ने बताया कि ‘असम राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारी ने तुरंत इंफाल में पुलिस से बात की और एंबुलेंस की व्यवस्था की। मां बहुसंख्यक मैतेई समुदाय से थी, इसलिए बच्चे को सड़क के रास्ते इंफाल के रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ले जाने का फैसला किया गया।’ कुछ किलोमीटर तक असम राइफल्स की सुरक्षा में एंबुलेंस को ले गया गया और उसके बाद स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाला।

एक सूत्र ने कहा, ‘शाम करीब साढ़े छह बजे इरोइसेंबा में कुछ लोगों ने एम्बुलेंस को रोका और उसमें आग लगा दी। गाड़ी में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई। हमें अभी तक नहीं पता कि शव कहां हैं।’ 

कांग्रेस ने उठाए नरेन्द्र मोदी पर सवाल

कांग्रेस ने मणिपुर में हिंसा पर सवाल करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप क्यों हैं। वह राज्य का दौरा कर समुदायों के बीच सुलह की अपील क्यों नहीं करते? प्रधानमंत्री सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर भेजने की पहल क्यों नहीं कर रहे हैं? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘ऐसा लगता है कि सात हफ्ते पहले मणिपुर में जो भयावह त्रासदी शुरू हुई थी वो खत्म नहीं हुई है। गृह मंत्री ने एक महीने की देरी से राज्य का दौरा किया और इस सहृदयता के लिए राष्ट्र को उनका आभारी होना चाहिए। प्रधानमंत्री अब भी चुप क्यों हैं?’

68 हथियार और 11,518 गोला-बारूद हुए बरामद

मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बुधवार को कहा कि ‘राज्य में 57 हथियार, 318 गोला-बारूद और पांच बम बरामद किए गए हैं। अब तक 868 हथियार और 11,518 गोला-बारूद बरामद हो चुके हैं। पांच घाटी जिलों में 12 घंटे और पड़ोसी पहाड़ी जिलों में 10 से आठ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है। 6 दूसरे पहाड़ी जिलों में कर्फ्यू नहीं है। NH-37 से जरूरी सामान की आवाजाही तय की गई है। बुधवार को इंफाल से कुल 244 खाली वाहन जिरीबाम के लिए रवाना हुए, इसके अलावा 212 लोडेड वाहन नोनी से और 212 टैंकर और ट्रक जिरिबाम से रवाना हुए। मंगलवार को NEET UG एग्जाम हुआ था जो सामान्य रहा। राज्य के मंत्री और विधायक अलग-अलग इलाकों का दौरा कर लोगों से शांति की अपील कर रहे हैं। जातीय हिंसा में अब तक करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।’

ये भी पढ़े: लखनऊ कोर्ट के बाहर अचानक चलने लगीं गोलियां, जानें गैंगस्टर जीवा के मर्डर के वक्त का पूरा सीन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *