Advertisement

मौसम विभाग ने चक्रवात जवाद के आज आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा में पहुंचने की जताई संभावना

Share
Advertisement

नई दिल्लीः भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्‍युंजय महापात्रा ने जानकारी देते हुए बताया है कि चक्रवात जवाद आज उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा में पहुंचने की संभावना है। जबकि चक्रवात जवाद के प्रभाव से ओडिशा के तटीय जिलों में कल रात से बारिश हो रही है। इसके प्रकोप से चक्रवाती तूफान के ओडिशा तट के पास पहुंचने पर बारिश और हवा की तीव्रता बढ़ जाएगी।

Advertisement

आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा में पहुंचने की संभावना

भारतीय नौसेना ने नुकसान को कम करने के लिए बचाव और राहत अभियान तेज कर दिया है। नौसेना चक्रवाती तूफान की आवाजाही पर नजर रखे हुए है। नौसेना ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वह राज्य प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। आपको बता दें कि नौसेना ने बचाव और राहत कार्यों के लिए 13 बाढ़ राहत दल और चार गोताखोर टीमों को जरुरत पडने पर सहायता देने के लिए रखा है।

बचाव और राहत अभियान हुए तेज

इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक अतुल करवाल का कहना है कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और अंडमान और निकोबार में एनडीआरएफ की 46 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने एनसीएमसी को प्रारंभिक उपायों से अवगत कराया।

एनडीआरएफ की 46 टीमों को तैनात किया

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि तमाम मछुआरों की वहां समुद्र से सुरक्षित वापसी हेतु सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। जिसके साथ साथ तमाम साइक्लोन शेल्टर स्थल तैयार कर लिए गए है। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि मौसम कभी भी अपना रूप बदल सकता है।

तूफान से निपटने के लिए की तैयारियों

सूत्रों से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक कैबिनेट सचिव राजीव गौबा (Cabinet Secretary Rajiv Gauba) ने कल राजधानी दिल्ली एनसीआर में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (National Crisis Management Committee) (एनसीएमसी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की थी। जिसमें उनहोंने चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *