Manipur: मणिपुर के लोग अपनी लिपि में पढ़ पाएंगे संविधान, मणिपुर CM ने किया एलान
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Manipur: भारतीय संविधान के निर्माताओं ने जब हमारे देश के लिए संविधान गढ़ा, तो उनका उद्देश्य रहा कि ये संविधान रूपी अधिकार हर किसी के पास पहुंचे, लेकिन भाषाई विविधता होने के कारण हमारा संविधान आज भी छोटे और ग्रामीण तबको तक नहीं पहुंच पाया हैं जिसको ध्यान में रखते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जल्द ही संविधान मेइतेइ मायेक लिपि में भी प्रकाशित किया जाएगा इस बात की जानकारी सबको दी है।
ये एक ऐतिहासिक कदम है – एन बीरेन सिंह
भारत के संविधान को मेइतेइ मायेक लिपि में प्रकाशित करने का एलान करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है। साथ ही उन्होंने इस बात की जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉम एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर देते हुए कहा कि भारत का संविधान मीतेई मायेक लिपि में प्रकाशित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल मणिपुरी लिपि को बढ़ावा देती है बल्कि मणिपुरी भाषा या मीतेई लोन बोलने वालों को भी एक मौका देती है। बल्कि मणिपुरी भाषा या मेइतिलोन बोलने वालों को भारतीय संविधान का मार्ग भी दिखाती है।
इस बाबत जारी किया पत्र
मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने यह कहते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि मणिपुर सरकार का कानून और विधायी कार्य विभाग, मणिपुरी मीतेई मायेक लिपि सहित भारत के संविधान का एक डिग्लोट संस्करण (अंग्रेजी-मणिपुरी) प्रकाशित करने के लिए तैयार है। बीरेन सिंह ने आगे कहा कि संविधान, देश के सर्वोच्च कानून के रूप में, नागरिकों के मौलिक अधिकारों, निदेशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों को चित्रित करता है, जबकि सरकारी संस्थानों की राजनीतिक संरचना, प्रक्रियाओं, शक्ति और कार्यों को भी संहिताबद्ध करता है। विशेष रूप से, यह संविधान होने का गौरव रखता है।
स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध न होने के कारण संविधान लागू होने के 73 साल बाद भी इसके कई सिद्धांत आम आदमी की पहुंच से दूर हैं। जिसके बाद मेइतेइ मायेक लिपि में संविधान आने पर एन बीरेन सिंह ने इसे मणिपुर के इतिहास में एक आवश्यक मील का पत्थर बताया है।
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