MP News: कमलनाथ ने भाजपा पर जमकर साधा निशाना बोले…
MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को धार जिलें में थे जहां उन्होंने कहा है कि 1993 में जब मैं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री थे तब पीथमपुर को औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दिलवाया था। आज जिस तरह औद्योगिकीकरण होना था, आर्थिक गतिविधि होना थी, उस तरह नहीं हो पाई है। सारी स्थितियां चौपट हैं। वे धार जिले के पीथमपुर नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत की और इस दौरान बजेपी पर जमकर निशाना साधा। कहा कि 15 महीनों का हिसाब मांगने वाले अपने 18 वर्षों का हिसाब तो दे दें।
कमलनाथ ने कहा है कि 1993 में जब मैं केंद्रीय वाणिज्य मंत्री था तब पीथमपुर को औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दिलवाया था। आज जिस तरह औद्योगिकीकरण होना था, आर्थिक गतिविधि होना थी, उस तरह नहीं हो पाई है। सारी स्थितियां चौपट हैं। 6 इंवेस्टर्स समिट हुईं, उनके आंकड़े यह हैं कि 760 प्रपोजल आए और जमीन पर केवल इसका 5 प्रतिशत ही उतर पाए। 30 लाख करोड़ की निवेश घोषणाएं हुईं, पर हुआ क्या?
निवेश विश्वास से आता है- कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा है कि इस तरह की नाटक-नौटंकी से निवेश नहीं आता। अपना प्रदेश 5 प्रदेशों से घिरा हुआ है, जिसको तमिलनाडु और केरल में अपना सामान बेचना है वह पंजाब और हरियाणा में अपना उद्योग क्यों लगाएगा? उसके लिए यह सुविधा है, यह इकॉनॉमिकल है कि वह मध्यप्रदेश में उद्योग लगाए पर उसको मध्यप्रदेश पर विश्वास होना चाहिए। निवेश विश्वास से आता है, प्रदेश के चेहरे से आता है। निवेश और रोजगार की झूठी घोषणाओं के बावजूद आंकड़ा यह है कि पिछले साल प्रदेश में 90 लाख युवा बेरोजगार थे और इस साल एक करोड़ नौजवान बेरोजगार हैं। छह-सात महीने बचे हैं। भाजपा के पास केवल पुलिस, पैसा और प्रशासन है। ये खरीद-फरोख्त के लिए प्रशासनिक दबाव डालते हैं। मैं जानता हूं कि जनपद और पंचायतों के चुनाव में कितना प्रशासनिक दबाव था।
जनता मेरी गवाह है- कमलनाथ
कमलनाथ ने आगे कहा कि आज प्रदेश का हर वर्ग परेशान है लेकिन ये हमारे 15 महीनों के कार्यकाल का जवाब मांगते हैं! 15 महीनों में से ढाई महीने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में चले गए। शिवराज सिंह को शर्म नहीं आती मुझसे 15 महीनों का हिसाब मांगते हुए, वो अपने 18 वर्षों का हिसाब दें, 215 महीनों से भाजपा का शासन है और मुझसे साढ़े बारह महीनों का हिसाब मांगते हैं! जनता मेरी गवाह है, जनता हिसाब देगी! जो हुआ जनता के सामने हुआ। घोषणाओं से नहीं हुआ। गौशालाएं बनीं, मध्यप्रदेश के इतिहास में इतनी गौशालाएं कभी नहीं बनीं। हमने कर्जा माफी की, जिसको इन्होंने विधानसभा में स्वीकार किया कि 27 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है। ये रोज झूठ बोलते हैं, कहते हैं कि मैंनेसंबल योजना बंद कर दी, पर मैंने इसे कभी बंद नहीं किया था, ‘नया सवेरा’ नाम से यह योजना चलती रही।
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