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Madhya Pradesh: 500 साल पुरानी गोबर के गणेश, पूरी होती है भक्तों की मनोकामना

Madhya Pradesh: 500 साल पुरानी गोबर के गणेश, पूरी होती है भक्तों की मनोकामना

Madhya Pradesh: 500 साल पुरानी गोबर के गणेश, पूरी होती है भक्तों की मनोकामना

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एमपी के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा के मुख्य चौराहे पर एक अति प्राचीन भगवान गणेश का मंदिर है। इस मंदिर की प्रमुख खासियत ये है की भगवान गणेश की जो प्रतिमा है। वह गोबर से बनी हुई है। इसलिए प्रतिमा को गोबर के गणेश कहा जाता है। पुराने समय से ही यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस अति प्राचीन मंदिर में भगवान गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि भी विराजित हैं। गोबर के यह श्री गणेश अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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वहीं, इस चौराहे को गणेश दरवाजे का भी नाम दिया गया है। गणेश उत्सव पर्व के दौरान गणेश दरवाजा स्थित इस गणेश मंदिर में रिद्धि-सिद्धि के साथ भगवान गणेश की विशेष पूजन अर्चन की जाती है। बड़ी संख्या में भक्तगण भी दर्शन हेतु यहां पहुंचते हैं।

बताया जाता है की भगवान श्री गणेश की यह प्रतिमा पांच सौ साल से अधिक पुराने गोबर से बनी है। भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने वाले भगवान श्री गणेश के मनोहारी श्रृंगार के दर्शन का लाभ लेने नगर सहित आसपास के कई स्थानों से बड़ी संख्या में भक्तजन पहुंचते हैं।

बता दें कि नलखेड़ा नगर की स्थापना राजा नल के द्वारा की गई थी। राजा नल के नाम से पहले इस नगर को नल नगर कहा जाता था. बाद में समय के साथ नगर का नाम नलखेड़ा हो गया। जिस जगह पर श्री गणेश की स्थापना है. वहां पहले नगर का मुख्य द्वारा हुआ करता था। इसी द्वारा से नगर में प्रवेश होता था। नगर के चारों ओर एक बड़ी दिवाल थी, जिसे नगर कोट कहा जाता था।

प्राचीन समय में नगर के मुख्य द्वारा पर 10 फीट ऊंची गोबर से बनी प्रतिमा की स्थापना यहां की गई थी। जो पुराने समय से ही भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस प्रतिमा की स्थापना किसके द्वारा की गई इस बात का इतिहास कहीं नहीं मिलता है, लेकिन पुरातत्व के जानकारों के अनुसार 500 से अधिक साल पहले इसकी स्थापना के प्रमाण जरूर उपलब्ध हैं।

नलखेड़ा में पीतांबरा माता का सिद्धपीठ स्थल मां बगलामुखी मंदिर भी है, जो अति प्राचीन मंदिर है। इसकी स्थापना भगवान कृष्ण के कहने पर पांडवो के द्वारा युद्ध में विजय श्री प्राप्त करने के लिये की गई थी। इसलिए देश के साथ ही बड़ी संख्या में विदेशों से भी भक्त यहां आते हैं।

भगवान श्री गणेश रिद्धि सिद्धि के साथ यहां विराजित हैं। प्रतिमा के पास मुषक वाहन भी विराजित हैं। कहा जाता है की भक्त दूर-दूर से अपनी मनोकामनाएं लेकर मंगलमूर्ति गोबर के गणेश के पास पहुंचते हैं। भगवान गणेश सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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