फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश, मार्कशीट बनाने के लिए वसूलते थे कीमत
मध्य प्रदेश के इंदौर में फर्जी मार्कशीट बनाने वाली अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी पिछले 5 साल में 1000 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट बना चुके हैं। शातिर आरोपी 10वीं, 12वीं, लैब टेक्नीशियन, डी फार्मा, बीएचएमएस सहित कई फर्जी मार्कशीट बना चुके हैं। फर्जीवाड़े के खिलाफ़ एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने जांच के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारीयों ने बताया कि विजयनगर पुलिस को खबर मिली थी कि फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का एक रैकेट सक्रिय है। शिकायतकर्ता द्वारा मामला दर्ज करवाने के बाद, पुलिस इस स्कैम की जांच में जुट गई थी। पुलिस ने मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किया हैं। पुलिस के मुताबक दिनेश नाम का आरोपी आठवीं, दसवीं, फार्मा के अलावा बीएचएमएस, बीफार्मा के सर्टिफिकेट बनाने के लिए लोगों को एप्रोच करने का काम करता था। जबकि दूसरा आरोपी फर्जी डिग्री के लिए यूनिवर्सिटी में अप्रोच किया करता था।
आरोपी लोगों से मार्कशीट बनाने की साठगांठ कर, फर्जी मार्कशीट बनवाते थे। ये मार्कशीट दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान कई प्रांतों की यूनिवर्सिटीज की हैं। पुलिस के मुताबिक फर्जी मार्कशीट तैयार करने वाला ये गिरोह काफी बड़ा हो सकता है। पूरे मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है। विजयनगर थाने में आरोपियों के खिलाफ 424, 468, 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस दोनों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
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