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Jharkhand: चंपई सोरेन ने झारखंड के सीएम पद की ली शपथ

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Jharkhand: आज शुक्रवार, 2 फरवरी, हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन (Champai Soren) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के भाई बसंत सोरेन और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने उनके साथ मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं।

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बताते चलें बुधवार को हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। JMM की बैठक में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के इस्तीफे के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) को विधायक दल का नेता चुना गया, हालांकि परिवार में आपत्तियों के बीच चंपई सोरेन (Champai Soren) को विधायक दल का नेता चुना गया। अब उन्होंने झारखंड (Jharkhand) का बारहवां मुख्यमंत्री बनकर शपथ ली है।

बुधवार की रात को, चंपई सोरेन और गठबंधन के अन्य नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की। गुरुवार को भी इन नेताओं ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। तब शपथ के लिए आज की तारीख निर्धारित की गई।

हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में मुख्यमंत्री न होने की वजह से भ्रम की स्थिति बन गई थी और इसके कारण राजनीतिक संकट गहरा गया था. 5 फरवरी को चंपई सोरेन को बहुमत साबित करना होगा।

Jharkhand: कौन हैं चंपई सोरेन?

चंपई सोरेन ने लंबे समय तक अलग झारखंड (Jharkhand) राज्य आंदोलन में संघर्ष किया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा में कई बार विभाजित होने के बावजूद भी वे शिबू सोरेन के साथ एकजुट रहें। 1991 में पहली बार विधायक बने।वह 1991 में निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद JMM में गए। 2000 के चुनाव में उन्हें हार हुई, लेकिन 2005 से लगातार जीतते रहे हैं। वह पहली बार झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन और बीजेपी की सरकार में मंत्री थे। बाद में हेमंत सोरेन के पहले कार्यकाल में मंत्री भी बन गए। 2019 के कोल्हान क्षेत्रीय चुनाव में जेएमएम की बड़ी जीत में भी उनका बड़ा योगदान माना जाता है।

चंपई सोरेन संथाल आदिवासी हैं

शिबू सोरेन और चंपई सोरेन दोनों संथाल आदिवासी हैं। गौरतलब है कि झारखंड में सबसे अधिक संथाल आदिवासी हैं। शिबू सोरेन भी संथाल हैं। जेएमएम चंपई सोरेन को पद देकर अपने आधार वोट को बचाने की कोशिश कर रहा है। साथ ही, पहले माना जाता था कि जेएमएम केवल संथाल परगना की राजनीति में है, लेकिन जेएमएम कोल्हान से चंपई सोरेन को पद देकर इस मिथक को तोड़ना चाहती है।

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