Advertisement

Haryana: ‘हरियाणा में ज्यादा जल रही है पराली’, AAP ने लगाया आरोप, CM खट्टर से मांगा इस्तीफा

Haryana: 'हरियाणा में ज्यादा जल रही है पराली', AAP ने लगाया आरोप, CM खट्टर से मांगा इस्तीफा

Haryana: 'हरियाणा में ज्यादा जल रही है पराली', AAP ने लगाया आरोप, CM खट्टर से मांगा इस्तीफा

Share
Advertisement

Haryana: दिल्ली और हरियाणा के बीच पराली एक बड़ा मुद्दा रहा है। दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री पराली से होने वाले प्रदूषण को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं। वहीं एक बार फिर दिल्ली सरकारने प्रदूषण का मुद्दा उठाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का इस्तीफा मांगा हैं।

Advertisement

इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली सरकार पर्यावरण को लेकर हमेशा सक्रिय रहती है। इसके लिए सरकार ने कई तरह के काम भी कर रही है। उन्होंने कहा कि इस साल हरियाणा में पिछले साल के मुकाबले 3 गुना ज्यादा पराली जलाई जा चुकी है। जिसका सीधा असर दिल्ली में पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर खट्टर साहब के पास साफ हवा देने का कोई समाधान नहीं है तो उन्हें फौरन अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

‘AQI का रियल टाइम डाटा में टॉप 50 में दिल्ली नहीं’

AAP प्रवक्ता ने कहा कि संसद में रखी रिपोर्ट में बताया गया है दिल्ली में PM 2.5 में 22% और PM 10 में 27 % की कमी आई है। दिल्ली की हवा लगातार साफ़ हो रही है। लेकिन हम इससे अभी संतुष्ट नहीं हैं। AQI का रियल टाइम डाटा देखें तो टॉप 50 में दिल्ली नहीं है, UP, हरियाणा के शहर हैं, हम ज्वाइंट एक्शन प्लान बनाने की बात करते हैं लेकिन केंद्र से सहयोग नहीं मिलता।

‘साल दर साल बढ़ रही पराली जलाने की घटनाएं’

वहीं हरियाणा से आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि खट्टर सरकार बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन की जमीनी हकीकत कुछ ही होती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में साल दर साल पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। आंकड़ों पर बात करें तोस 2021 में 61, 2022 में 80 और इस साल 2023 में 277 घटनाएं दर्ज हुई हैं।

‘सरकार किसानों को जागरूक नहीं कर रही’

अनुराग ढांडा ने कहा कि पराली जलाने के लिए किसान दोषी नहीं है। सरकार ना तो किसानों को कोई सुविधा दे रही है ना ही इसके लिए उन्हें जागरूक कर रही है। उन्होंने कहा कि पराली के लिए बेलर मशीन और बायो डीकंपोजर को लेकर 3 राज्यों में सहमति बनी थी। हरियाणा सरकार का दावा है कि 80 हज़ार बेलर मशीनें हैं लेकिन आज 20 हज़ार बेलर मशीनें भी नहीं हैं। बायो डीकंपोजर का एक पैकेट भी अब तक जिला सेंटरों में नहीं पहुंचा है। यह खट्टर सरकार का सबसे बड़ा फेल्योर है।

ये भी पढ़ें: Haryana: पुलिसवालों के सामने से ही उनकी गाड़ी लेकर भागा युवक, जानें पूरा मामला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें