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Gujrat High Court: मस्जिद में लाउडस्पीकर बैन को लेकर फिर उठी मांग, कोर्ट ने की याचिका खारिज

gujrat high court on ban loudspeaker plea court rejects and ask about temple news in hindi

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Gujrat High Court

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देश के कई कोनों में लाउडस्पीकर के शोर के कारण इसे बैन को लेकर खूब सियासत देखने को मिली है। इस मामले में अब तक कई अदालत में भी मुकदमे दर्ज कराए जा चुकें है। अब इसी मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट(Gujrat High Court) में जनहित याचिका पहुंचने की जानकारी सामने आई। लेकिन इस याचिका को कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है।

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पहले भी आ चुकी कई याचिका

इस से पहले भी कोर्ट में ऐसे मामले को लेकर याचिका दर्ज की जा चुकी है। लॉकडाउन के समय मश्हूर सिंगर सोनू निगम दुबई में फसे थे। इसी दौरान उनका बरसो पुराना अजान को लेकर एक ट्वीट वायरल हुआ था। इसी ट्वीट के कारण सोनू निगम को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। आपको बता दें कि ट्वीट के कारण सोनू निगम को कई आरोपों का भी सामना करना पड़ा था। एक बार फिर ऐसा ही एक मामला गुजरात हाई कोर्ट में सामने आया है। इस बार इस मामले को लेकर हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल के एक नेता ने कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई है।

खारिज हुई याचिका

लाउडस्पीकर बैन को लेकर अब तक कई मामले उजागर हुए है। इनके पीछे धव्नि प्रदूषण का तर्क अकसर कोर्ट में दिया जाता है। वहीं इस याचिका पर मंगलवार 28 नवंबर को सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने दो टूक जवाव देते हुए कहा कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से ध्वनि प्रदूषण नहीं होता है।

कोर्ट ने दिया याचिका का जवाब

इस याचिका पर जवाब देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि पीठ ने कहा कि वे इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि अजान देने वाली इंसान की आवाज ध्वनि प्रदूषण पैदा करने के लिए डेसिबल (शोर का स्तर) की जो स्वीकार्य लिमिट है, उससे ज्यादा कैसे बढ़ जा रही है। वहीं आपको बता दें कि इस मामले में कोर्ट में हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल के एक नेता की ओर से याचिका दर्ज की गई थी। जिसे कोर्ट की ओर से अब खारिज कर दिया गया है।

मंदिर को लेकर किया सवाल

अकसर मस्जिदों में अजान और मंदिरों में आरती को लेकर मुद्दा उठाया जाता है। इस मामले में कोर्ट ने सवाल करते हुए सवाल किया कि आपके मंदिरों में सुबह की आरती 3 बजे भोर में ही ड्रम और संगीत के साथ शुरू हो जाती है. तो क्या किसी भी तरह का शोर नहीं करती है? क्या आप कह सकते हैं कि घंटे और घड़ियाल का शोर केवल मंदिर परिसर में ही रहता है? क्या यह मंदिर के बाहर नहीं फैलता है? इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि वह इस तरह की किसी भी याचिका पर सुनवाई नहीं करने वाला है।

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