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तमिलनाडु में मंत्री को हटाने का राज्यपाल का फैसला पूरी तरह असंवैधानिक – AAP सांसद राघव चड्ढा

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तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को गुरुवार को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया। हालांकि कुछ ही घंटों के अंदर राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश को स्थगित कर दिया है। वहीं इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने भी आपत्ति जताई है।

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इसे पूरी तरह असंवैधानिक बताया है। राघव चड्ढा ने ट्वीट किया है कि, ”हमारे संविधान के अनुसार, मंत्रियों की नियुक्ति करना, विभागों में फेरबदल करना और किसी मंत्री को हटाना, यह मुख्यमंत्री के विशेष अधिकार क्षेत्र में आता है। राज्यपाल को केवल मुख्यमंत्री की सिफारिशों को आगे बढ़ाना होता है। तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा वी सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करना पूरी तरह से असंवैधानिक है।”

ये है पूरा मामला

दरअसल राजभवन की ओर से पत्र जारी किया गया, जिसमें लिखा कि कि सेंथिल बालाजी नौकरी के बदले में नकदी लेने और धन शोधन समेत भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग कर वह जांच को प्रभावित और कानून तथा न्याय की उचित प्रक्रिया में बाधा डालते रहे हैं। अभी वह एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून और आईपीसी के तहत कुछ अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं जिनकी जांच राज्य पुलिस कर रही है। ऐसी आशंका है कि वी. सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद में बने रहने से निष्पक्ष जांच समेत कानून की उचित प्रक्रिया पर गलत असर होगा।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले नकदी मामले में बालाजी को बीती 14 जून को गिरफ्तार किया था। छाती में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में 15 जून को मद्रास हाई कोर्ट ने सेंथिल बालाजी को निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। बुधवार को एक अदालत ने मंत्री सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ाने का आदेश दिया था।

वहीं दूसरी तरफ डीएमके की ओर से मंत्री की बर्खास्तगी को लेकर कहा गया है कि कैबिनेट से बर्खास्त करने वाले राज्यपाल कौन होते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एम.के स्टॉलिन ने कहा कि राज्यपाल के इस फैसले के बाद तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है।

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