गुजरात में मिला मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज, भारत में अब तक नौ मामले आए सामने, केंद्र ने बुलाई बड़ी बैठक

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देश में जहां एक तरफ कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है तो वहीं दूसरी तरफ देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते केसों ने स्वास्थ्य विभाग को भी चिंता में डाल दिया है। केरल और दिल्ली के बाद अब गुजरात में भी मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध व्यक्ति के मिलने की खबर सामने आ रही है। बता दें कि गुजरात में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है। साथ ही एक व्यक्ति में इस वायरल संक्रमण के लक्षण भी सामने आए हैं। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ये भी बताया कि संदिग्ध व्यक्ति के नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया है। इसी के साथ शहर में स्थित जीजी अस्पताल में बनाए गए विशेष वार्ड में इस मरीज को भर्ती किया गया है।

मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार ने बुलाई बैठक

देश में एक तरफ मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच इस बीमारी से निपटने को लेकर दिशा निर्देशों पर पुनर्विचार करने के लिए केंद्र ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक बड़ी बैठक बुलाई है। इसी के साथ देश में मंकीपॉक्स के अब तक नौ मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें से केरल एक मरीज की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘यह मौजूदा दिशा निर्देशों पर पुनर्विचार के लिए की गयी एक तकनीकी बैठक थी।’’ हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि लोगों को मंकीपॉक्स के लक्षण और बचाव के बारे में भी सही जानकारी रखने की जरूरत है।

मंकीपॉक्स से बचाव

कई देश समलैंगिक और बाई सेक्सुअल पुरुषों के टीकाकरण की पेशकश कर रहे हैं, जिन्हें इस बीमारी के होने का सबसे बड़ा खतरा है। शोध से पता चलता है कि टीका लगाने से लगभग 85 प्रतिशत सुरक्षा मिलती है। यदि मंकीपॉक्स के संपर्क में आने के चार से 14 दिनों के बीच टीका दिया जाता है, तो यह रोग के लक्षणों को कम कर सकता है।