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दो फेज का फाइनल वोटिंग टर्नआउट डाटा जारी होते ही विपक्ष ने दागे सवाल

Final data of Voting

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Final data of Voting: भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर दो फेज की वोटिंग का फाइनल टर्नआउट डाटा जारी किया. इस डाटा के जारी होते ही विपक्षी पार्टियों ने सवाल दागना शुरू कर दिया. चुनाव आयोग के अनुसार लोकसभा चुनाव के पहले फेज में 66.14 और दूसरे फेज में 66.71 प्रतिशत वोटिंग हुई है. इस मामले ने तूल इसलिए पकड़ा क्योंकि चुनाव आयोग का डाटा जारी करने में थोड़ी देर हो गई.

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विपक्ष ने सवालों की झड़ी लगाते हुए पूछा कि आखिर चुनाव आयोग को डाटा जारी करने में इतनी देर क्यों लगी. आमतौर पर चुनाव के 24 घंटे बाद ही यह डाटा जारी कर दिया जाता है. लेकिन अब मंगलवार शाम को इस डाटा को जारी किया गया.

CPI(M) के नेता सीताराम येचुरी ने लिखा कि आखिरकार ECI(Election Commission of india ) ने पहले दो चरणों के लिए मतदान के अंतिम आंकड़े पेश कर दिए. ये आंकड़े सामान्य रूप से मामूली नहीं, बल्कि प्रारंभिक आंकड़ों से अधिक हैं. लेकिन प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की पूर्ण संख्या क्यों नहीं बताई जाती. जब तक यह आंकड़ा पता नहीं चलता तो प्रतिशत का कोई मतलब नहीं. नतीजों में हेरफेर का संदेह बना हुआ है क्योंकि गिनती के समय कुल मतदाताओं की संख्या में बदलाव किया जा सकता है. 2014 तक हर निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या ECI की बेवसाइट पर मिलती थी. ECI को पारदर्शिता बरतते हुए इस डेटा को बताना चाहिए।

वहीं उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा मैं प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत मतदाताओं की पूर्ण संख्या की बात कर रहा हूं. डाले गए वोटों की संख्या तो डाक मतपत्रों की गिनती के बाद ही पता चलेगी. प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या की क्यों नहीं बताई जा रही. ECI को इसका जवाब देना चाहिए.

TMC नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया, फेज 2 खत्म होने के चार दिन बाद, चुनाव आयोग ने अंतिम मतदान आंकड़े जारी किए. चुनाव आयोग द्वारा 4 दिन पहले जारी की गई संख्या से मतदान में 5.75% की बढ़ोतरी देखी जा रही है. क्या यह सामान्य है? मुझे यहां क्या समझ नहीं आ रहा है?

वहीं आंकड़े जारी होने से पहले जयराम रमेश ने भी कई सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि जो मतदान प्रतिशत 24 घंटे के अंदर जारी हो जाता है वो अबतक जारी क्यों नहीं किया गया. देरी का क्या कारण है. वहीं उन्होंने लोकसभा क्षेत्र की विधानसभाओं में मतदाताओं की संख्या संबंधित आंकड़े भी ईसीआई की बेबसाइट पर जारी न होने पर सवाल उठाए थे.

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