DMK MP Dayanidhi Maran: ‘यूपी और बिहार से आने वाले लोग तमिलनाडु में टॉयलेट साफ़ करते हैं’
DMK MP Dayanidhi Maran: आम आदमी कुछ भी कह दे पर उसकी बात पर इतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना ध्यान किसी नेता द्वार कही बातों पर पड़ता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि भारत के राज्यों में उत्तर भारतीयों के अपमान और उनका तिरस्कार करने की खबर आई हो। ऐसी बातें आम लोगों द्वारा उन्हें अक्सर सुनना पड़ता है। पर अब राजनेता और सरकारें भी इसमें शामिल होती हुई दिख रही हैं। ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु से सामने आया है। यहां के DMK सांसद दयानिधि मारन ने कहा है कि तमिलनाडु में सिर्फ टॉयलेट और सड़कें साफ़ करते हैं।
DMK सांसद ने कहा कि यूपी-बिहार के हिंदी बोलने वाले लोग हमारे राज्य में आकर टॉयलेट और सड़क साफ करते हैं। वे सिर्फ हिंदी सीखते हैं। उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती। जो अंग्रेजी सीखते हैं, वे IT कंपनियों में अच्छी नौकरी करते हैं। उनका यह बयान सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। दयानिधि मारन के बयान पर हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इनकी एक बार फिर डिवाइड एंड रूल की मंशा है।
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शहजाद ने जताई आपत्ति
DMK सांसद द्वारा कही इस बात का शहजाद ने अपत्ति जताई है। उन्हेंने कहा कि सबसे पहले राहुल गांधी ने उत्तर भारतीय मतदाताओं को गाली दी। इसके बाद रेवंत रेड्डी ने बिहार के डीएनए को भला-बुरा कहा। इसके बाद डीएमके सांसद सेंथिल कुमार ने उत्तर के राज्यों को गौमूत्र वाले राज्य बताया था। अब दयानिधि मारन हिंदी भाषियों और उत्तर का अपमान करते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं की हिंदुओं और सनातन को गाली देना तथा बांटो और राज करो का कार्ड खेलना एकमात्र मकसद है। उन्होंने कहा कि क्या नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, लालू यादव, कांग्रेस, सपा और अखिलेश यादव सब दिखावा करेंगे कि ऐसा नहीं हो रहा है? वे कब स्टैंड लेंगे?
गिरिराज सिंह ने की कड़ी निंदा
DMK सांसद के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और डीएमके की भाषा देश को तोड़ने वाली भाषा है। अगर बिहार के लोग कहीं जाते हैं चाहें तमिलनाडु जाएं, कर्नाटक जाएं, वो स्वाभिमान के साथ अपना काम करते हैं। वह मजदूरी करते हैं और स्वाभिमान के साथ मजदूरी करना कोई गुनाह नहीं है। और उसे राज्य के विकास में वह अपना योगदान देते हैं। ऐसी भाषा बोल करके देश को अपमानित करने का काम डीएमके और उनके नेता कर रहे हैं। इन्होंने यह काम पहले भी किया है। इन्होने पहले सनातन को खत्म करने की बात कही। अब मजदूरों पर प्रहार कर रहे हैं। यह बेहद ही दुर्भाग्य की बात है।
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