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नाबालिग लड़की का 2 साल तक लगातार किया रेप, चाची भी थी शामिल

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दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा जिन्होंने एक नाबालिग लड़की से कई महीनों तक बलात्कार करने और उसे गर्भवती किया उनके बच्चों ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत मांगी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एकल न्यायाधीश सौरभ बनर्जी की अदालत में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की जाएंगी। घटना के संबंध में एचसी द्वारा शुरू की गई।

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14 सितंबर को हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान याचिका में दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) को भी शामिल किया। तब डीसीपीसीआर ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ के समक्ष कहा कि आयोग एक पक्ष बनने को इच्छुक है और मामले में उसके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। मामले में अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होनी है।

अधिकारी और उनकी पत्नी हिरासत में हैं

दिल्ली पुलिस ने आरोपी प्रेमोदय खाखा और उसकी पत्नी को आईपीसी के तहत बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया। नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया कि निलंबित अधिकारी खाखा ने 2020 और 2021 के बीच उसके साथ कई बार बलात्कार किया और उसकी पत्नी ने कथित तौर पर गर्भपात की गोलियाँ देकर पीड़िता की गर्भावस्था को समाप्त कर दिया। निलंबित अधिकारी और उनकी पत्नी फिलहाल हिरासत में हैं।

पीड़िता ने एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए हैं

एक रिपोर्ट के अनुसार, लड़की ने एफआईआर में कहा, “नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक मेरे चाचा ने मेरे साथ बलात्कार किया… मेरी चाची (पत्नी) सख्त थीं और जब भी मेरे खराब अंक आते थे तो मुझे पीटती थीं।” जनवरी 2021 में मेरा यौन उत्पीड़न किया गया और फिर मेरे पीरियड बंद हो गए। आंटी ने कहा कि जब पहला महीना होगा तो गर्भपात करा दूंगी। मैंने उनके बच्चों से यानी अपने भाई बहनों को घटना के बारे में बताया, लेकिन उन्होंने मुझ पर विश्वास नहीं किया। मैंने अपनी माँ को नहीं बताया क्योंकि मुझे लगा कि वह मुझ पर विश्वास नहीं करेंगी।

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