Kapil Sibal: संदेह के आधार पर पुलिस गिरफ्तारी के प्रावधान पर Kapil Sibal का बड़ा बयान, कह दी ये बात
Kapil Sibal: शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा तीन नये आपराधिक कानूनों को लेकर अधिसूचना जारी हुआ। जिसके बाद राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बड़ा बयान दिया है।
CJAR पर कपिल सिब्बल का बयान
बता दें, कि उन्होंने ‘Campaign for Judicial Accountability and Reforms-(CJAR) पर बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि “जब अंग्रेजों ने भारत पर राज करने के लिए कानून बनाया था। उनके बनाए कानून में पुलिस संदेह के आधार पर किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है। वे नहीं चाहते थे कि लोग ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बोलें या अपनी राय खुलकर रखें। और गुलामी से आजादी मिले 76 साल होने के बावजूद उन प्रावधानों को जारी रखने पर मुझे ऐतराज है। आखिर, ऐसा प्रावधान संवैधानिकता की परीक्षा में कैसे पास हो सकता?”
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इस प्रावधान को चुनौती क्यों नहीं दी?
बता दें, कि कपिल सिबल के मुताबिक संदेह के आधार पर पुलिसिंग का क्या मतलब होता है? मुझे बिना कोई आरोप बताए पुलिस गिरफ्तार कर लेगी और 14 दिनों के लिए जेल में डाल देगी। यह कितना सही हो सकता है। यहा तक कि पश्चिमी या यूरोपीय देशों में जांच के बाद किसी की गिरफ्तारी होती है, लेकिन भारत में पहले गिरफ्तारी होगी, फिर जांच होगी। इस कानून के जरिए लोगों को स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता. मुझे इससे समस्या है। मुझे नहीं पता किसी ने इस प्रावधान को चुनौती क्यों नहीं दी?
एक जुलाई से लागू होगा ये नया कानून
दरअसल, गृह मंत्रालय ने शनिवार को तीन अधिसूचनाएं जारी की हैं। नए कानूनों एक जुलाई से लागू होंगे। और ये कानून ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लेंगे। बता दें, तीनों कानूनों का मकसद विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषा देकर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है।
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