Advertisement

Katchatheevu Issue: कांग्रेस और DMK पर भड़के विदेश मंत्री, बोले- जनता से लंबे समय तक छिपाया गया मुद्दा

DR, S JAISHANKAR SLAMS CONGRESS AND DMK OVER KATCHATHEEVU ISSUE
Share
Advertisement

Katchatheevu Issue: विदेश मंत्री और भाजपा नेता डॉ. एस जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में सोमवार (1 अप्रैल) कच्चातिवु मुद्दे पर प्रेसवार्ता को संबोधित किया है। विदेश मंत्री और भाजपा नेता डॉ. एस जयशंकर ने कच्चातिवु मुद्दे की जानकारी देते हुए कहा कि 1974 में, भारत और श्रीलंका ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जहां उन्होंने एक समुद्री सीमा खींची, और समुद्री सीमा खींचने में कच्चातिवु को सीमा के श्रीलंकाई पक्ष पर रखा गया था।

Advertisement

Katchatheevu Issue: कांग्रेस-DMK पर साधा निशाना

डॉ. एस जयशंकर ने कांग्रेस और DMK पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और DMK ने इस मामले को इस तरह से लिया है मानो इस पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और DMK इस तरह से सोच रही जैसे अब ये मामला बस केंद्र सरकार को सुलझाना है। वे इस तरह से पेश आ रहे हैं जैसे कच्चातिवु मुद्दे का कोई इतिहास नहीं है और उन्हें पता ही नहीं कि ये सब हुआ कैसे?

जनता को सच्चाई जानने का अधिकार

उन्होंने आगे कहा कि जनता को ये जानने का अधिकार है कि आखिर कच्चातिवु समझैता हुआ कैसे और कैसे इसे श्रीलंका को दे दिया गया। उन्होंने बताया कि हमसे 2 दस्तावेज मांगे गए, जो कि हमने दिए। जिसमें से एक द्सतावेज सलाहकार समिति 1968 की बैठक के लिए विदेश मंत्रालय, सारांश पृष्ठभूमि नोट के बारे में था। और दूसरा जून 1974 में तत्कालीन विदेशी सचिवालय और तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री के बीच एक बैठक की चर्चा का रिकॉर्ड था।कच्चातिवु मुद्दे पर विदेश मंत्री और भाजपा नेता डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “हम जानते हैं कि यह किसने किया, यह नहीं पता कि इसे किसने छुपाया। हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई।”

20 सालों में , 6184 भारतीय मछुआए श्रीलंका की हिरासत में

उन्होंने आगे ये भी बताया कि पिछले 20 वर्षों में, 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है और इसी समयकाल में 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका द्वारा जब्त किया गया है। पिछले पांच वर्षों में कच्चातिवु मुद्दा और मछुआरे का मुद्दा संसद में विभिन्न दलों द्वारा बार-बार उठाया गया है। यह संसद के सवालों, बहसों और सलाहकार समिति में सामने आया है। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुझे कई बार पत्र लिखा है और मेरा रिकॉर्ड बताता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री को मैं इस मुद्दे पर 21 बार जवाब दे चुका हूं। यह एक जीवंत मुद्दा है जिस पर संसद और तमिलनाडु हलकों में बहुत बहस हुई है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पत्राचार का विषय रहा है।

जनता से लंबे समय तक चिपाया गया मुद्दा

डॉ एस. जयशंकर ने आगे कहा कि सत्य यह है कि आज हम वास्तव में न केवल यह जानते हैं कि यह किसने किया और किसने इसे छुपाया बल्कि यह भी जानते हैं कि 1974 के कच्चातिवु समझौते के लिए जिम्मेदार पार्टियां कौन थी और 1976 में मछुआरों का अधिकार कैसे समाप्त किया गया। आप सभी जानते हैं कि कौन जिम्मेदार है। आज जनता के लिए यह जानना ज़रूरी है, जनता के लिए निर्णय करना ज़रूरी है। यह मुद्दा वास्तव में जनता से बहुत लंबे समय तक छिपाया गया है।

ये भी पढ़ें- Gyanvapi Case: व्यास जी तहखाने में पूजा करने पर रोक लगाने की मांग, मुस्लिम पक्ष की याचिका पर SC में आज होगी सुनवाई

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरो को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें