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दिल्ली: वायु प्रदूषण से लाखों लोग तोड़ रहे हैं दम, स्थिति से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश

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NHRC Comment: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदुषण पर चिंता व्यक्त की है। NHRC के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पराली न जलाने की दिशा में धीमी प्रगति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऊपर से नीचे तक के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का समय आ गया है। वायु प्रदूषण मामले पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे थे जस्टिस श्री अरुण मिश्रा।

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स्वत: संज्ञान लिया NHRC

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने पिछले साल की मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और यूपी की राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें इस स्थिति से निपटना होगा क्योंकि वायु प्रदूषण के कारण लाखों लोग दम तोड़ रहे हैं और हम इसे लगातार ऐसा नहीं होने दे सकते। पराली जलाने के लिए केवल गरीब किसानों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, उनमें से कुछ के पास एक फसल की कटाई और दूसरी की बुआई के बीच कम समय में पराली हटाने के लिए मशीनें खरीदने या किराए पर लेने के लिए पैसे नहीं हैं।

राज्य सरकार उठाए कदम

आयोग ने राज्यों को किसानों को सब्सिडी देने के अलावा उन्हें पराली हटाने या जलाने की मशीन की भी व्यवस्था करनी चाहिए। क्योंकि बहुत सारे किसान हैं जो महंगे उपकरण नहीं खरीद सकते हैं। मशीनों के लिए केवल सब्सिडी देना सबके लिए समाधान नहीं हो सकता। इसी तरह, आयोग ने कहा कि फसल अपशिष्ट के प्रबंधन का विकल्प भी काफी लंबे समय की प्रक्रिया है और किसान अगली फसल के लिए अपनी बुआई में देरी नहीं कर सकते।

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