Voter List: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने के लिए आंध्र प्रदेश के ग्राम/वार्ड स्वयंसेवकों और ग्राम/वार्ड सचिवालयों की सेवाओं का उपयोग करने के खिलाफ भारत के चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका में यह आरोप लगाया गया कि स्वयंसेवक सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कैडर का हिस्सा थे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि चूंकि आंध्र के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी इस विवाद में एक पक्ष हैं, इसलिए बेहतर होगा कि दिल्ली उच्च न्यायालय जैसा “तटस्थ मंच” इस मामले की सुनवाई करे। यह याचिका एनजीओ सिटीजन्स फॉर डेमोक्रेसी ने अपने सचिव एन रमेश कुमार, एक पूर्व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और आंध्र प्रदेश के पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त के माध्यम से दायर की थी।
याचिका में राज्य के लोगों के डेटा के कथित अवैध संग्रह के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। यह आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार मतदाता सूची में मतदाताओं को जोड़ने या हटाने के लिए डेटा का उपयोग कर रही थी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और कहा कि जनहित याचिका से निपटने के लिए उचित मंच आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय होगा।
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