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महुआ मोइत्रा को तत्काल राहत देने से कोर्ट ने किया इनकार

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Delhi High Court: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद के निष्कासन मामले में महुआ मोइत्रा को कोई तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि उन्हें 7 जनवरी तक अपना सरकारी आवास खाली करने के निर्देश वाले नोटिस को रद्द करने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय के समक्ष संसद से उनके निष्कासन की वैधता को चुनौती देने वाली उनकी याचिका के लंबित होने पर ध्यान देते हुए, अदालत ने कहा कि उनकी वर्तमान याचिका पर निर्णय देने से सीधे तौर पर शीर्ष अदालत के समक्ष कार्यवाही बाधित होगी।

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Delhi High Court: उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही को करेगा प्रभावित

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने निष्कासित सांसद की ओर से पेश हुए वकील से कहा, “मैं क्या करूँ सर? आपने रिट याचिका दायर करके आदेशों को चुनौती दी है। यदि सुप्रीम कोर्ट आपके पक्ष में स्टे देता है, तो आपका निलंबन रोक दिया जाएगा। अगर हम इस पर निर्णय देते हैं, तो यह सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को प्रभावित करेगा।

Delhi High Court: आचार समिति के सिफारिश के बाद निलंबन

कृष्णानगर से टीएमसी सांसद को कैश के बदले पूछताछ के आरोप में 8 दिसंबर को निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने सदन की आचार समिति पर “पर्याप्त अवैधता” और “मनमानी” का आरोप लगाया, जिसने उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। उन्हें कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों और “अनैतिक” आचरण के चलते सांसदी पद से निष्कासित कर दिया गया था। यह निलंबन आचार समिति के सिफारिश के बाद हुआ था।

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