Advertisement

भाजपा शासित एमसीडी का ध्यान अच्छी शिक्षा पर होने के बजाय स्कूलों को बेचकर पैसा खाने में है- आतिशी

Share
Advertisement

नई दिल्ली: ‘आप’ विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी अब शालीमार बाग में ए-सी ब्लॉक स्थित प्राइमरी स्कूल को बेचने की तैयारी में है। 15 दिसंबर को होने वाली नॉर्थ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के एजेंडा में साफ-साफ इसका ज़िंक्र किया गया है। भाजपा की पैसों की भूख इतनी बढ़ गई है कि अब स्कूलों की ज़मीनों को भी बेचने पर उतर आए हैं। भाजपा ने 2800 वर्ग मीटर की इस ज़मीन को 126 करोड़ में बेचने का प्रस्ताव रखा है, जो मार्केट रेट से बहुत ही कम है। मार्केट रेट के अनुसार स्कूल की उस ज़मीन का मार्केट रेट कम से कम 2500 करोड़ है। उन्होंने कहा कि एक तरफ दिल्ली सरकार नए स्कूल खोल रही है और दूसरी ओर भाजपा शासित एमसीडी बने बनाए स्कूलों को भी बेचने में लगी है।

Advertisement

शालीमार बाग में ए-सी ब्लॉक स्थित प्राइमरी स्कूल को बेचने की तैयारी में भाजपा शासित नॉर्थ एमसीडी

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। आतिशी ने कहा कि हमने इस मुद्दे को बार-बार उठाया है कि नॉर्थ एमसीडी की कुर्सी पर बैठी भाजपा की सरकार एमसीडी की सभी संपत्तियों को बेच रही है। सिर्फ बेच ही नहीं रही है, उनको औने-पौने दामों पर यानी कि मार्केट रेट से बहुत ही कम दामों पर बेच रही है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं कोई सांठगांठ है कि जो भाजपा के नेता और पार्षद औने-पौने दामों पर सरकारी संपत्तियों को बेच रहे हैं तो उनको कुछ न कुछ तो मिल रहा होगा।

आतिशी ने कहा कि पहले तो यह लोग पार्किंग और शॉपिंग कॉमप्लेक्स बेच रहे थे लेकिन अब इनके पैसों की हवस यहां तक पहुंच गई है कि इन्होंने एमसीडी के स्कूलों को भी बेचना शुरू कर दिया है। एमसीडी को बिल्कुल चिंता नहीं है कि अपने स्कूल ठीक करें। वहां पर बच्चों की पढ़ाई को सुधारें। जो बच्चे एमसीडी से पढ़कर दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने आते हैं, 6ठीं कक्षा में प्रवेश लेते हैं, उनमें लगभग 80% बच्चों को अपनी किताब भी पढ़नी नहीं आती है। तो एमसीडी ने बहुत पहले ही बच्चों को पढ़ाने से हाथ खड़े कर दिए। अब उन्हें क्या चिंता है कि जो गरीबों के बच्चे एमसीडी स्कूल में जा रहे हैं, उन्हें शिक्षा मिले या नहीं। और आज यह हालात हो गए हैं कि उन्होंने स्कूलों की ज़मीनों को भी बेचना शुरू कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *