CEC और ECs की नियुक्ति संबंधित Bill को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी
Election Commission of India: मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को नियंत्रित करने वाले विधेयक को गुरुवार को भारत के राष्ट्रपति की सहमति मिल गई। इसके बाद यह विधेयक अब कानून का रूप ले लिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बीच कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा 10 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया था।
Election Commission of India: 21 दिसंबर को लोकसभा से पारित
यह विधेयक 21 दिसंबर को लोकसभा द्वारा पारित होने से पहले 12 दिसंबर को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था। विधेयक में प्रावधान है कि सीईसी और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति करने वाली चयन समिति की अध्यक्षता प्रधान मंत्री करेंगे और इसमें एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता भी शामिल होंगे। बता दें कि इस विधेयक को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह विधेयक भारतीय चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से खतरे में डाल सकता है।
Election Commission of India: निष्पक्ष चुनाव को करेगा प्रभावित
न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा था कि यदि विधेयक कानून बन जाता है, तो सीईसी और ईसी की नियुक्ति में कार्यपालिका का अंतिम अधिकार होगा, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को प्रभावित करेगा। उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा था, “अगर आप मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों को इस तरह से नियुक्त करने जा रहे हैं, तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक कल्पना बनकर रह जाएंगा।”
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