Congress Session: खड़गे ने केंद्र पर बोला हमला कहा- जमीं पर चांद सितारों की बात करते हैं

Mallika Arjun Kharge
Congress Session: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन चल रहा है। महाधिवेशन का दूसरा दिन चल रहा है। दूसरे दिन अपने भाषण में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कविता पढ़ी जिसे सदन की कार्यवाही से डिलीट कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि इसी कविता को असंवैधानिक बताते हुए उनकी सैलरी भी काट ली गई।
सबसे पहले पढ़िए क्या थी वह कविता..
नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं
जमीं पर चांद सितारों की बात करते हैं
वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले
भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं
बड़ी हसीन है उनके जबान की जादू
लगाकर आग बहारों की बात करते हैं
उन्होंने पूछा कि बताइए क्या गलत है, इस कविता में, फिर कहा कि ठीक है अगर आप संसद में नहीं पढ़ने देंगे तो हम लोगों के बीच जाकर पढ़ेंगे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी का नाम लिए बगैर उनकी दोस्ती पर कई तंज कसते हुए अपने संबोधन के शुरुआती करीब 4 मिनट तक राहुल की तारीफ की और उन्हें भारत के भविष्य की उम्मीद बताया।
राहुल गांधी को किया धन्यवाद
उन्होंने कहा राहुल गांधी को धन्यवाद देना चाहूंगा कि वे करोड़ों लोगों की उम्मीद हैं। उन्होंने देशवासियों की टूटती उम्मीदों के बीच रोशनी और संघर्ष की नयी मशाल जलाई है। भारत जोड़ो यात्रा, देश में फैले अंधकार के बीच उम्मीदों के सूरज का नाम है। राहुल जी ने असंभव को संभव कर दिखाया। ना आंधी की परवाह की ना बरसात, ना बवंडर की चिंता की। भारत जोड़ो में करोड़ों लोग आपके साथ चले। मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी राहुल इसी तरह मार्गदर्शन करते रहें।
पीएम मोदी और अडानी पर कसा तंज
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले, कोरोना के दौरान सरकार के गलत निर्णयों से दो करोड़ से अधिक रोजगार गया। गलत तरीके से बनाई और लागू की गई जीएसटी ने व्यापारियों का व्यापार चौपट कर दिया। आधी रात अचानक लॉकडाउन कर लोगों को दर बदर कर दिया। लोगों को अंतिम संस्कार भी नसीब नहीं हुआ। आज हालत यह है कि गरीब और गरीब हो गया। मुठ्ठी भर लोगों की दौलत में इतनी बढ़ोतरी हुई कि वे दुनिया के दूसरे नंबर के अमीर हो गए। मजदूर की आय 27 रुपए है और प्रधानमंत्री के एक दोस्त की आय 1 हजार करोड़ रुपए प्रति दिन है। 1000 से ज्यादा प्रतिशत आय बढ़ी उनके दोस्त की। प्रधानमंत्री एक कर 70 साल से बनाई संपत्ति को अपने मित्रों के हवाले कर रहे हैं। आकाश, धरती, पाताल सब बेच रहे हैं। एलआईसी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बच पाएगा या नहीं इसकी भी चिंता है।
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