छत्तीसगढ़ उपचुनाव: छत्तीसगढ़ भानुप्रतापपुर में वोटों की काउंटिंग जारी, सावित्री मंडावी 15926 वोटों से चल रहीं आगे
आज देश में गुजरात, हिमाचल, मैनपुरी में चुनाव की मतगणना जारी है उधर छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा में MLA की कुर्सी के लिए सुबह 8 बजे से काउंटिंग जारी है। 396 डाक मतपत्रों की गिनती के साथ EVM की काउंटिंग भी चल रही है। 10वें राउंड की गिनती और शुरुआती रुझानों में कांग्रेस का दबदबा बरकरार है।
सावित्री मंडावी 15926 वोटों से आगे चल रही हैं। दूसरे नंबर पर बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम आ गए हैं उन्हें 1433 मत मिले हैं। सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार अकबर राम तीसरे नंबर पर आ गए हैं उन्हें 2522 वोट मिले हैं। अब तक 10वें राउंड की काउंटिंग में कांग्रेस को कुल 33823, आदिवासी समाज को 16650, भाजपा को 17897 वोट मिले हैं। 14 टेबल पर 256 EVM के लिए 19 राउंड में काउंटिंग हो रही है। स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती है।
मनोज मंडावी के काम पर मुहर
भानुप्रतापुर उपुचनाव के शुरुआती नतीजों पर सीएम भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि नतीजा बता रहा है कि सरकार पर लोगों का भरोसा कायम है। वहां पर मनोज मंडावी के किए हुए काम पर मुहर लगी है। भाजपा वहां दूसरे-तीसरे स्थान पर रहने के लिए भी कड़ा संघर्ष कर रही है।
कांग्रेस के पक्ष मे शुरुआती रुझान आने के बाद कांग्रेस खेमे में जश्न का महौल है। कोंडागांव कांग्रेस दफ्तर के बाहर कार्यकर्ता जमकर आतिशबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी लगातार बढ़त बनाई हुई हैं।
विधानसभा उपचुनाव के लिए 256 पोलिंग बूथ में 5 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। 8 दिसंबर को मतों की गणना हो रही है। जिस तरह से एग्जिट पोल सामने आए हैं उसमें यह नजर आ रहा है कि इस उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच में जबरदस्त टक्कर होगी।
वहीं सर्व आदिवासी समाज से खड़े प्रत्याशी इन दोनों पार्टियों के जबरदस्त वोट काटेंगे। हालांकि, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि हार-जीत का अंतर भी बेहद कम होगा। चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा आदिवासी आरक्षण है। भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम पर कांग्रेस ने बलात्कार का आरोप लगाया है। भाजपा प्रत्याशी को चुनावी मैदान में हराने कांग्रेस ने बड़ा ट्रंप कार्ड खेला था। तो वहीं भाजपा ने आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाकर इस चुनावी मैदान में अपने लिए जीत का रास्ता क्लियर करने की कोशिश की। तो वहीं इन दोनों ही पार्टियों से खफा सर्व आदिवासी समाज ने अपना प्रत्याशी चुनावी मैदान में खड़ा किया।