Bihar में है VIP कुली, Patna स्टेशन पर एक कुली को मिले हैं 2 सरकारी पुलिस वाले
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों कुली के साथ समय बिताने और कुली की तरह कपड़े पहनकर सिर पर बैग लेकर चलने को लेकर चर्चा में हैं। आपको बता दें कि बिहार में भी एक कुली है जिसे लोग VIP कुली कहते हैं। क्योंकि बिहार का ये कुली अपने साथ बार्डीगार्ड लेकर चलता है वह भी एक नहीं दो-दो बार्डीगार्ड। वह बॉडीगार्ड की सुरक्षा के बीच लोगों का सामान उठाता है और फिर यात्री के बताए जगह पर पहुंचाता है। ये बात आपको थोड़ा अटपटा लग रहा होगा, आप सोच रहे होंगे एक कुली को दो-दो बार्डीगार्ड क्यों मिला है? तो आपको बता दें कि यह कोई आम कुली नहीं है बल्कि बड़ा आतंकवादी पकड़ने वाला कुली है।
27 अक्टूबर 2013 को इस कुली ने अपनी जान पर खेलकर हार्डकोर आतंकी इम्तेयाज को पकड़ा था। इसके बाद से पटना के इस कुली को जान से मारने की धमकी मिल रही है साथ ही 50 लाख रुपए लेकर गवाही से मुकरने का प्रलोभन भी मिल चुका है। लेकिन कुली ना आतंकी को पकड़ने में डरा और ना कोई प्रलोभन उसे डिगा सका। पटना के इस बार्डीगार्ड वाले कुली का नाम घर्मनाथ यादव उर्फ धर्मा कुली है।
27 अक्टूबर 2013, तारीख को याद रखने वालों को याद होगा इस दिन बिहार की राजधानी पटना में गुजरात के तत्कालीन सीएम और वर्तमान में देश के पीएम नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली थी। तब गांधी मैदान में उनकी सभा में कई ब्लास्ट हुए थे, इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। गांधी मैदान में बम विस्फोट से कुछ देर पहले पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 पर भी बम फटा था। इस विस्फोट में एक व्यक्ति की जान चली गई। तब मौके पर मौजूद धर्मा कुली ने भागते आतंकी को दबोच लिया था। धर्मा ने जिस आतंकी को पकड़ा उसने कमर में बम बांध रखा था। इसके साथ ही शौचालय से भी दो बम बरामद हुआ था। बम इतना शक्तिशाली था कि उसे डिफ्यूज करने में बम निरोधक दस्ते के सांस फुल गए थे। डिफ्यूज करने वाले नवीन कुमार साह का हाथ भी बुरी तरह जख्मी हो गया था।
बरामद बम में टाइमर फिक्स था। अगर आतंकी इस विस्फोट के बाद पकड़े नहीं जाते तो पटना उस दिन दहल जाता। बम बरामद होने के बाद ये भी कहा गया था कि आतंकियों की साजिश पटना जक्शन के पास विस्फोट कर प्रसिद्ध महावीर मंदिर को दहलाने की थी।
आतंकी को जान पर खेलकर पकड़ने वाले धर्मा कुली को इस घटना के बाद पाकिस्तान से जान से मारने की धमकियां मिलने लगी। एक बार उसपर जानलेवा हमला भी हुआ। इसके बाद धर्मा कुली ने कोर्ट में जान को खतरा बता कर सुरक्षा की गुहार लगाई तब कोर्ट के आदेश पर उन्हें एक बार्डीगार्ड मिला। यह बार्डीगार्ड रेल पुलिस का था इस वजह से वह रेल परिसर तक ही उसके साथ रहता था। इसके बाद जिला प्रशासन ने भी धर्मा को एक बार्डीगार्ड मुहैया कराया है। अब धर्मा दो-दो बार्डीगार्ड की सुरक्षा में यात्रियों का सामान ढोता है।
धर्मा यादव बम ब्लास्ट मामले में मुख्य गवाह हैं। लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी कोर्ट में NIA ने उसकी गवाही नहीं कराई है। इधर घटना के बाद साल 2014 में पाकिस्तान से धमकी और पैसे का ऑफर दिया गया था। बतौर धर्मा तब कॉल पर गवाही से मुकरने के लिए 25 से 50 लाख तक देने की बात कही गई थी। धर्मा ने बताया कि मुझे धमकी मिली की पैसे लेकर गवाही से मुकर जाओ नहीं तो मारे जाओगे। लेकिन मैं पैसों के लिए बिकने वाला नहीं हूं देश मेरे लिए पहले हैं।
धर्मा कुली से जब हमने सवाल किया कि बार्डीगार्ड के साथ रहने से यात्री असहज महसूस नहीं करते हैं, काम प्रभावित नहीं होता है। तब धर्मा कुली ने कहा कि अब कुलीगिरी करने में कमाई कहां रही। 500 से 600 रुपए कमाना मुश्किल हो जाता है। कुछ यात्री सवाल करते हैं लेकिन ज्यादातर यात्रियों को इससे कोई एतराज नहीं है।
धर्मा कुली ने कहा कि भले ही मेरी सुरक्षा में दो बॉडीगार्ड तैनात हैं लेकिन मेरे पास रहने का ठिकाना नहीं है। कुली विश्राम गृह में रहते हैं। रात में दोनों बॉडीगार्ड चले जाते हैं। सरकार से मेरा निवेदन है कि हमें एक आवास दिया दिया जाए। इसके साथ ही वह रेलवे से अपने बेटे को नौकरी या एक दुकान की मांग कर रहे हैं। धर्मा कुली की पीएम मोदी से भी मिलने की चाहत है।
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