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नीतीश को शिवसेना की नसीहतः अपनी चिंता सार्वजनिक करके न करें बीजेपी को खुश

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I.N.D.I.A गठबंधन को महत्वपूर्ण बनाने भूमिका रखने वाले नीतीश कुमारर को शिवसेना ने कहा की उन्हें अपनी चिंताओं को सार्वजनिक रूप से नहीं बताना चाहिए क्योंकि इससे भाजपा खुश होगी। इंडिया गठबंधन के लिए अनिवार्य होगा। इसमें कहा गया है सामना ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता सही है। संपादकीय में कहा गया है कि केंद्र में तानाशाही शासन को खत्म करने के लिए भारत गठबंधन बनाया गया है। राज्य की राजनीति अलग है और उसके अनुसार बड़े राजनीतिक दल निर्णय लेने चाहिए।

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नीतीश कुमार को अपनी चिन्ता सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने कहा कि 28 विपक्षी दलों का गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार को अपनी चिंता सार्वजनिक रूप से नहीं बतानी चाहिए क्योंकि इससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खुश होगी । यह उठापटक विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ में हुई है। नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले कांग्रेस को ‘इंडिया’ की सक्रियता कम करने का दोषी ठहराया और कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को फिलहाल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में दिलचस्पी है और उसे विपक्षी मोर्चे को आगे बढ़ाने की चिंता नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) का मुखपत्र ‘सामना’ इन बातों को उठाया है।

चुनाव जीतना क्यों है महत्वपूर्ण

केंद्र में तानाशाही शासन को खत्म करने का लक्ष्य साझा किया गया है, लेकिन राज्यों की राजनीति अलग है। संपादकीय में बताया गया है कि इस महीने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का उद्देश्य अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी है। इसमें कहा गया है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले चुनावों में कांग्रेस एक प्रमुख दल है। शिवसेना के मुख्यमंत्री के संपादकीय में कहा गया है कि चुनाव जीतने से कांग्रेस को सत्ता के दुरुपयोग और धन के अहंकार को समाप्त करना होगा।

इंडिया गठबंधन बनाने का उद्देश्य

इसमें दावा किया गया है कि भारत गठबंधन 2024 में लोकसभा चुनाव जीतेगा। सामना में कहा गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता सही है। संपादकीय में कहा गया है कि केंद्र में तानाशाही शासन को खत्म करने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया है, जिस पर सब सहमत हैं। राज्य की राजनीति अलग है और बड़े राजनीतिक दल को उसके अनुसार निर्णय लेने चाहिए।

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