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बिहार में गर्मी का कहर, मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा कि श्मशान में कम पड़ गईं लकड़ियां

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बिहार में गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। दरअसल, हीट स्ट्रोक के कारण बीमार हो रहे लोगों का अस्पतालों में तांता लगा हुआ है। पहले बलिया और अब आरा से लगातार लोगों के मरने की ख़बरें आ रही है। मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा है कि श्मशान में लाशों को जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ रही हैं।

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बता दें कि आरा में पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है। बीते एक सप्ताह में लोगों का गर्मी और लू से हाल बेहाल है। लोग हीट स्ट्रोक के कारण बिमार हो रहे और मौतों की संख्या बढ़ती जा रही। हालात ऐसे हैं कि श्मशान में लाशों को जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ गईं हैं। लकड़ी बेचने वालों का कहना है कि मृतकों की संख्या ज्यादा होने के कारण लकड़ियां नही बच पा रहीं। बड़हरा प्रखंड स्थित महुली गंगा घाट को देखकर महसूस होता है कि कोरोना के दिन वापस आ गए हों।

हालांकि सरकार का कहना है कि मृतकों की संख्या 4 से 5 है लेकिन अस्पतालों और श्मशान के हालात किसी और तरफ ही इशारा कर रहे हैं। लकड़ी दुकानदारों द्वारा लकड़ी की कमी होने की बात बताई जा रही है। दुकानदारों ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि या तो सरकारी आंकड़ों को छुपाया जा रहा है या फिर जो आंख के सामने मंजर दिखाई दे रहा है वो गलत है।  उन्होंने बताया कि एक लाश जलाने में कम से कम 5 क्विन्टल (500 किलो) लकड़ी लगती है और ज्यादा से ज्यादा 7 क्विन्टल लकड़ी लगती है। महुली घाट के दुकानदारों ने कहा कि इतनी लकड़ी प्रति दिन हम कहां से लाएंगे। जब इसकी पड़ताल की गई तो वहां चिता को आग देने वाले डोम राजा ने बताया कि दो-तीन दिनों से यहां इतनी लाशें आ रही हैं कि चिता की आग तक नहीं बुझती और दूसरे अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो जाती है।

बता दें कि भोजपुर में तापमान करीब 45 डिग्री तक पहुंच गया है और गर्म हवा से लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है। आरा सदर अस्पताल के डॉक्टर ऋषि ने बताया कि हर दिन 15 से 20 मौत हो रही है।

भीषण गर्मी और लू की चपेट में आने से सदर अस्पताल समेत जिले के अलग-अलग अस्पतालों में प्रति दिन 40 से 50 मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। इन मरीजों में में हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

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