Bihar News: ‘मंदिर है गुलामी का रास्ता’, एकलव्य का बेटा अब अंगूठा नहीं देगा-शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर
बिहार के शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम की मंदिर को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता है। स्कूल प्रकाश का रास्ता है। अधिकारियों को बताया कि एकलव्य का बेटा अब अंगूठा दान नहीं देगा।
बिहार के शिक्षा ने क्या कहा
शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर ने रविवार 8 दिसंबर को डेहरी में सावित्री बाई फुले जयंती समारोह में कहा कि मानसिक गुलामी मंदिर का रास्ता है। स्कूल प्रकाश का रास्ता है। सावित्री बाई फुले ने देश में महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों को शिक्षा देने का सपना दिखाया था। यही कारण है कि अनुसूचित जाति आज हमारे समाज में है।
एकलव्य का बेटा अब अंगूठा दान नहीं करेगा
उन्होंने अधिकारियों को बताया कि एकलव्य का बेटा अब अंगूठा दान नहीं करेगा, बल्कि प्रतिक्रिया देगा। शिक्षित बनो, एकजुट रहो और संघर्ष करो। उनका दावा था कि विधायक फते बहादुर की जीभ की कीमत दस करोड़ रुपये थी। हम काम बाँट रहे हैं। बिहार ने एक साल में पांच लाख से अधिक लोगों को काम दिया है।
अक्षत देने से शिक्षा नहीं मिलेगी
उन्हेंने कहा की गांव-गांव अक्षत भेजा जा रहा है, ऐसा करने से क्या आपके बेटा चपरासी से कलक्टर बन जायेगा? आपके बेटे को सिपाही से एसपी बनाने के लिए निश्चित रूप से स्कूल, कापी और कलम होंगे। बाबा आंबेडकर की धारणाओं पर आगे बढ़ें और अक्षत देने वालों से दूर रहें।
सावित्री बाई फुले के योगदान पर चर्चा
राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सावित्री बाई ने 19वीं सदी में पति के साथ मिलकर छुआछूत, सती प्रथा, बाल विवाह और विधवा विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ काम किया। उन्होंने अपने घर में एक विधवा ब्राह्मण महिला काशीबाई को जन्म दिया, उसके शिशु का नाम यशवंत रखा और उसे पाल पोसकर एक डॉक्टर बनाया। ज्योतिबा फुले की मृत्यु होने पर सावित्रीबाई ने उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने का निश्चय किया। हमारे समाज में आज महिलाओं का सम्मान बढ़ा है, यह सब सावित्री बाई फुले की देन है। मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, राजस्व मंत्री आलोक मेहता, मंत्री अनिता चौधरी और डेहरी से राजद विधायक फते बहादुर सिंह ने मिलकर कार्यक्रम की शुरुआत की। राजद जिलाध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने अध्यक्षता की।