Bihar: सीएम नीतीश कुमार कैबिनेट ने खेल दिया बड़ा दांव
Bihar: लोकसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे प्रचार मोड में हैं। जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट के 50 दिनों के भीतर आरक्षण क्षेत्र का विस्तार किया गया। अगली सुबह उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग की। फिर उन्होंने बिहार कैबिनेट पर दांव खेल दिया।
नीतीश कुमार की बिहार कैबिनेट ने बुधवार को एक अहम बैठक में अन्य बातों के अलावा केंद्र पर दबाव बनाने के लिए एक अहम फैसला भी लिया। राज्य कैबिनेट ने देश भर में बिहार के मार्गों पर बुकिंग बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव सौंपने और केंद्र को अपनी सिफारिशें भेजने पर भी सहमति व्यक्त की।
बुधवार को कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव सं. 37 सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से लिखा गया कि बिहार आरक्षण (शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन) अधिनियम, 2003, बिहार अधिनियम 16/2003 और संशोधन अधिनियम 18/2023 भारत के संविधान के अनुच्छेद 31 के अनुरूप है। भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा भेजने की मंजूरी दी गई है। इसी प्रकार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रस्ताव क्रमांक. 38, बिहार पदों और सेवाओं में रिक्तियों का आरक्षण (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग) अधिनियम, 1991 द्वारा संशोधित, बिहार अधिनियम 17/2002 द्वारा संशोधित, और संशोधित 19/2023 यथा संशोधित। भारत सरकार द्वारा संशोधित संस्करण। संविधान का अनुच्छेद 31 भारत के संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सिफारिश पेश करने की अनुमति देता है।
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