Bihar: मांझी का एक ट्वीट, केंद्र का ऐलान… क्या हो जाएगा लोकसभा चुनावों में ‘खेला’
Bihar Politics: मंगलवार को केंद्र सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया। बिहार की राजनीति का बड़ा नाम और जन नायक के नाम से मशहूर कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाएगा। इसी के साथ बीजेपी ने बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। दलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की राजनीति कर रही आरजेडी और जेडीयू के बीच बीजेपी ने एक बड़ा दांव चल दिया। दरअसल इस संबंध में जीतनराम मांझी ने भी मंगलवार सुबह एक ट्वीट किया था।
जनगणना के बाद गर्माई थी जाति की राजनीति
दरअसल इस जाति आधारित राजनीति के मुद्दे ने सबसे ज्यादा तूल तब पकड़ा जब महागठबंधन की सरकार ने प्रदेश में जातीय जनगणना कराई। बीजेपी भी इस बीच इसका समर्थन करती नजर आई लेकिन उसने कई सवाल भी उठाए। ऐसे में आरजेडी और जेडीयू ने इसका पूरा श्रेय ले लिया। सरकार इसके बाद इस मुद्दे को लेकर अपनी पीठ थपथपाती नजर आई।
हर पार्टी ने लेना चाहा श्रेय
आलम यह है कि अभी भी बिहार के मंत्रियों के भाषण में आप इसका जिक्र देख सकते हैं। जेडीयू ने नीतीश को दलितों का मसीहा बताना शुरू कर दिया और आरजेडी भी इसमें पीछे नहीं रही। ऐसे में बीजेपी खुद को भी दलितों का हितैषी बताने की कोशिश करने से पीछे नहीं रही। बीजेपी ने फुलवारी शरीफ में हुए हत्या और दुष्कर्म कांड को बिहार में महादलितों पर अत्याचार बताया। वहीं महागठबंधन कर्पूरी ठाकुर की जयंती जोर-शोर से मनाने का ऐलान कर दलितों में पैठ बढ़ाने की कोशिश में रहा।
जीतनराम का अपमान भी बना था मुद्दा
दूसरी ओर बीजेपी के करीबी जीतनराम मांझी ने भी अपने अपमान को महादलितों का अपमान बता मुद्दे को भुनाने की कोशिश की। राजनीति के विशेषज्ञों की मानें तो अब तक दलित और पिछड़ों की राजनीति में बिहार पर बैकफुट पर खिसकी बीजेपी ने एक साथ दो बड़े काम कर दिए।
बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक!
पहले राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से सभी हिंदू वोटरों को अपनी ओर लुभाया तो वहीं अब कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है। इस फैसले से बीजेपी खुद को दलितो, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों का हित चाहने वाली पार्टी के रूप में प्रदर्शित करने में कामयाब हो सकती है।
चुनावी परिणाम बताएंगे लाभ-हानि
राजनीतिक जानकारों की मानें तो अब लोकसभा चुनाव में बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। इस बार अकेले दम पर चुनाव लड़ने का दम भरने वाली बीजेपी के लिए यह फैसला बिहार में संजीवनी से कम नहीं होगा। लेकिन यह तो आने वाला वक्त और चुनाव परिणाम ही बताएंगे कि आखिर इससे किस पार्टी को कितना फायदा और कितना घाटा हुआ है।
यह भी पढ़ें: Bihar: कांशीराम जी को भी भारत रत्न मिलता तो अपार खुशी होती- तेजस्वी यादव
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए।