उत्तराखंड के स्कूलों में पाठ्यक्रम पर निजी स्कूलों की मनमानी, अभिभावकों पर मंहगी किताबें लेने का बनाया जा रहा दबाव
उत्तराखंड के निजी स्कूलों में मंहगी किताबों को लेकर मनमानी का मुद्दा गरमाने लगा है। प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ उत्तराखंड क्रांति दल ने शिक्षा विभाग से कार्रवाई की मांग की है। वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री और गदरपुर से बीजेपी विधायक अरविंद पांडेय ने NCERT की जगह मंहगी किताबें लागू करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की बात कही है।
उत्तराखंड के स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने का नियम लागू है। लेकिन निजी स्कूल कम मूल्य की एनसीईआरटी की किताबों की जगह अभिभावकों पर मंहगी किताबें खरीदने का दबाव बना रहे हैं। निजी स्कूलों की इस मनमानी का विरोध तेज हो गया है। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ उत्तराखंड क्रांति दल ने मोर्चा खोल दिया है। यूकेडी ने डीजी शिक्षा को ज्ञापन देकर निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग की है। यूकेडी नेताओं ने डीजी शिक्षा को सौंपे दस सूत्रीय ज्ञापन में निजी स्कूलों को लेकर एक नियामक समिति बनाने की मांग की है।
किताबों को लेकर स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा विभाग ने गंभीरता से कार्रवाई की बात कही है। डीजी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा है कि जिला और खंड स्तर पर स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। अभी तक 22 स्कूलों को नोटिस भी जारी किया गया है।
बिजली, पानी, रोजगार के साथ ही शिक्षा जनता की बुनियादें जरूरत है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने मंहगी किताबों के बोझ से जनता को राहत देने के लिए स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। लेकिन धरातल पर नियम का सख्ती से पालन नहीं हो रहा। निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं जिस पर अंकुश के लिए सररकार से सख्त कदम उठाने की मांग तेज हो रही है।
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