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हिजाब के बाद अब हलाल मीट पर बैन की मांग, बीजेपी नेता ने बताया आर्थिक जिहाद

हलाल मीट पर बैन
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मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने हलाल मीट पर बैन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हलाल मांस मुस्लिम समुदाय के द्वारा किए जाने वाले आर्थिक जिहाद की तरह है। उन्होंने कहा कि हलाल एक आर्थिक जिहाद है। इसका चलन इसलिए शुरू किया गया ताकि मुसलमान किसी और के साथ व्यापार न कर सके। इसे उनके ऊपर थोप दिया गया।

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उन्होंने कहा कि जिस तरह से वे हलाल मीट को ही मान्यता देते हैं उसी तरह अगर कोई हिंदू इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहता तो वह भी ठीक है। कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद हलाल मीट पर बैन की मांग भी तेज हो गई है। अब हिंदुओं के मेले में मुसलमानों के हिस्सा लेने पर भी रोक लगने लगी है।

बता दें कि हिंदू जनजागृति समिति ने एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि हिंदू हलाल मीट न खरीदें क्योंकि मुसलमान पहले इसे अल्लाह को अर्पित करता है। इसलिए अगर हिंदू इसे पूजा में इस्तेमाल करेगा तो यह हलाल मांस जूठा माना जाएगा।

मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बीजेपी पर निशाना साधा है और कहा है कि सरकार की जिम्मेदारी 6.5 करोड़ राज्य के लोगों के प्रति है, न कि केवल एक समुदाय के प्रति। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। कांग्रेस के अत्याचार की वजह से राज्य के लोग परेशान हो गए थे।

कुमारस्वामी ने कहा कि 2023 में चुनाव होने वाला है इसीलिए हिंदू संगठनों द्वारा की जाने वाली इस तरह की मांगों का भाजपा समर्थन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बोम्मई हिंदू संगठनों के इशारे पर ही सरकार चला रहे हैं ताकि उनकी कुर्सी बची रहे।

बता दें कि कर्नाटक में उगाड़ी (कन्नड़ न्यू ईयर) के मौके पर बड़ी संख्या में लोग मीट खरीदते हैं। इस त्योहार में लोग मांस का भोग लगाते हैं और खाते हैं।

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