योगी सरकार के दोनों डिप्टी सीएम ने नए स्टाफ लेने से किया मना, पुराने की मांग पर अड़े
यूपी में सीएम योगी ने दूसरी बार शपथ ले ली है। सीएम योगी ने कार्यभार ग्रहण करते ही मंत्रियों के लिए नया नियम बना दिया है। मंत्रियों को अब अपने पसंद का निजी स्टाफ रखने की आजादी नहीं होगी। उन्हें एक खास सूची मिलेगी और उनमें से ही अपना स्टाफ चुनना होगा। इस बीच योगी सरकार के दोनों डिप्टी सीएम सहित करीब 10 मंत्रियों ने नई व्यवस्था को नकारते हुए अपने पुराने स्टाफ की मांग की है।
इसके अलावा करीब डेढ़ दर्जन मंत्रियों की तरफ से भी पसंद वाले स्टाफ की मांग सचिवालय प्रशासन विभाग से की गई है। इसके बाद सचिवालय प्रशासन के उच्चाधिकारी संकट में हैं कि क्या किया जाए। इनकी मांग से संबंधित फाइल अब मुख्यमंत्री के पास भेजने की तैयारी है। मुख्यमंत्री द्वारा जो फैसला लिया जाएगा, उसके अनुसार ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।
मंत्रियों के स्टाफ में निजी सचिव, अपर निजी सचिव, समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की तैनाती के लिए सरकार नई नीति अपनाते हुए सभी मंत्रियों को रेंडम आधार पर नई सूची दी है। इसमें इस बात का ध्यान रखा गया है कि फिर से किसी स्टाफ के साथ तैनात रहा कोई कार्मिक अधिकारी मंत्री स्टाफ के रूप में तैनाती न पा सके।
जानकारी के अनुसार, करीब डेढ़ दर्जन मंत्रियों ने सचिवालय प्रशासन विभाग से अपने पसंद का स्टाफ देने की मांग की है। इसमें कई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री जो पूर्व में भी मंत्री रहे हैं, वो भी इसमें शामिल हैं। वहीं मंत्रियों के साथ तैनात की गईं 29 महिला स्टाफ को हटा दिया गया है।
मंगलवार को मंत्रियों के साथ पीएस, एपीएस, आरओ, एआरओ के रूप में तैनात की गईं 29 महिला कार्मिकों को तैनाती से मुक्त कर दिया गया। अब कुल 25 महिला कार्मिक ही मंत्रियों के साथ तैनात हैं।