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गौशाला विकास योजना के तहत ज्यादातर पात्र गौशालाओं को अनुदान मुहैया कराकर विकास के कार्य कराएं- मुख्य सचिव

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जयपुर। राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि गौशाला विकास योजना के तहत अधिकाधिक पात्र गौशालाओं को अनुदान मुहैया कराकर आधारभूत संरचना विकास के कार्य कराएं। आर्य ने गुरूवार को यहां शासन सचिवालय में गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए।

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मुख्य सचिव आर्य ने कहा कि गौशाला विकास योजना गौशालाओं में जरूरी निर्माण कार्य करवाने में बहुत उपयोगी है। संचालक केवल 10 फीसदी राशि का सहयोग कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके तहत 10 लाख रूपए तक के शेड, चारा भंडार गृह, पानी की खेली एवं टंकी, चारा ठाण एवं खरंजा निर्माण जैसे आधारभूत संरचना विकास के कार्य करा सकते हैं। उन्होंने योजना की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर ज्यादा से ज्यादा गौशालाओं को लाभ देने के निर्देश दिए।

आर्य ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गौशालाओं को तय समय पर अनुदान देने, गौशाला-गौ डेयरी प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने एवं नंदी शालाओं की शीघ्र स्थापना करने सहित विभागीय योजनाओं से गौशालाओं को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।

गौशालाओं को 572 करोड़ का अनुदान वितरित

गोपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषी मलिक ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में गौशालाओं को लगभग 572 करोड़ रूपए का अनुदान वितरित किया गया। इस वर्ष अनुदान के पहले चरण के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गौशाला विकास योजना के तहत 70 गौशालाओं में 4 करोड़ 92 लाख रूपए के विकास कार्य कराए गए हैं। पिछले दो साल से लगातार कम से कम 100 गौवंश का संधारण करने वाली पात्र गौशालाओं को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

गोपालन विभाग के निदेशक  खजान सिंह ने विभागीय गतिविधियों से अवगत कराया। बैठक में वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा एवं गोपालन विभाग के अन्य उच्च अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हुए।

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