Advertisement

Jharkhand: नाबार्ड की स्टेट क्रेडिट सेमिनार आयोजित, सीएम सोरेन बोले- कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी

Share
Advertisement

झारखंड मंत्रालय में बुधवार को NABARD की ओर से स्टेट क्रेडिट सेमिनार आयोजित की गई. सेमिनार में सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है. किसी भी बैंक को लोन लेने से मना नहीं करना चाहिए. बैंक सभी वर्ग-समुदाय के लोगों को ऋण उपलब्ध कराएं. राज्य के शत-प्रतिशत किसानों को KCC से आच्छादित करें. राज्य की आर्थिक एवं सामाजिक विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्ण है. विशेषकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूतीकरण में नाबार्ड सहित अन्य नेशनलाइज बैंक और निजी बैंक अपना योगदान देते हैं.

Advertisement

हमारा राज्य आर्थिक रूप से कमजोर- सोरेन

सीएम ने कहा कि इन सभी संस्थानों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं. झारखंड प्रदेश में 70 फीसदी से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. पहले से ही हमारा राज्य आर्थिक रूप से कमजोर रहा है. covid-19 संक्रमण काल में व्यवस्थाएं और ज्यादा चरमरायी है. बैंक राज्य में सभी वर्ग-सभी समुदायों के लोगों को ऋण एवं अधिक से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने पर फोकस करे.

बैंकों की उदासीनता बर्दाश्त नहीं- सीएम सोरेन

आगे सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि गरीब, किसान, नौजवान एवं जरूरतमंदों के पास आर्थिक उपलब्धता नहीं रहने के कारण वे रोजगार उत्पन्न नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे वर्ग के लोगों को राज्य सरकार आर्थिक रूप से सशक्त एवं समृद्ध बनाने को लेकर निरंतर प्रयासरत है. राज्य के सर्वांगीण विकास में सभी वर्गों के लोगों का समान भागीदारी होता है. क्षेत्र भ्रमण के दौरान कई बार मुझे आम जनता विशेषकर महिलाओं ने बैंकों द्वारा ऋण मुहैया नहीं कराए जाने की शिकायतें की हैं.

कृषि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़

प्रदेश के सीएम का कहना है कि राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए कृषि के क्षेत्र में विशेष फोकस रखने की आवश्यकता है. संक्रमण काल में जब रोजगार सृजन की सभी व्यवस्थाएं लगभग बंद थी, तब कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र था. जिससे अर्थव्यवस्था को बचाया जा सका. कृषि हमेशा ग्रामीणों की ताकत रही है. खेती-कृषि कार्य को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वकांक्षी योजनाओं का संचालन किया है. बागवानी-पशुपालन सहित स्वयं सहायता समूहों को अन्य कार्यों के लिए भी ऋण मुहैया कराने का कार्य किया जा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *