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पुरीधाम में जगन्नाथ रथ यात्रा आज से हुई शुरु, उपराष्ट्रपति ने भक्तों की दी बधाई

देश के सबसे प्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ यात्रा इस वर्ष यानी की 1 जुलाई से शुरू हो गई है। बता दें हर साल रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ के साथ  उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा का रथ निकाला जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ मौसी के घर जाते हैं। इसी के साथ रथ यात्रा का समापन 12 जुलाई को हो जाएगा। इसी के साथ भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर पुण्य कमाने की इच्छा रखने वाले लाखों भक्त अब पुरीधाम पहुंच चुके हैं। बता दें यह यात्रा केवल भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में भी निकाला जाती हैं।

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जगन्नाथ रथ यात्रा हिंदू धर्म में बहुत ही पावन दिन के रुप में माना जाता है। पूरी में यह यात्रा बड़ी धूमधाम से निकाली जाती है। बता दें हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल पुरी में जगन्नाथ यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है। हालांकि इस रथ यात्रा को लेकर वहीं प्रदेश सरकार ने पूरी यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए हैं।

उपराष्ट्रपति ने भक्तों की दी बधाई

इसी के साथ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने रथ यात्रा के पर्व पर लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं रथ यात्रा के पावन अवसर पर अपने देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ की वार्षिक यात्रा को दर्शाती ओडिशा की रथ यात्रा, भगवान की दिव्यता और भव्यता का उत्सव मनाने के लिए सभी समुदायों के एक साथ आने का सुअवसर देते है।

जगन्ननाथ रथ यात्रा की कुछ दिलचस्प बातें

-जगन्नाथ मंदिर में सभी जाति, पंथ और समुदाय के लोग जाकर पूजा कर सकते हैं। उनके लिए कोई प्रतिबंध नहीं लगाई गई हैं।

-भक्तों के अनुसार शुरू में रथ यात्रा निकालते समय भगवान हिलने से मना कर देते है। घंटों प्रार्थना करने के बाद रथ जवाब देना शुरू करता है।

-हर साल प्राथमिक पुजारी के द्वारा आवश्यक निर्देशों का पालन करते हुए पेड़ो के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल करके नए सिरे से रथ का निर्माण किया जाता है। प्रत्येक रथ में आगे की ओर लकड़ी के चार घोड़े लगे होते हैं।

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