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बिहार के ‘बर्ड गाइड’ देंगे लोगों को चिड़ियों की जानकारी

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पटना। गाइड शब्द के जेहन में आते ही ऐतिहासिक स्थलों के बारे में मार्गदर्शन करने वाले व्यक्ति यानी टूरिस्ट गाइड सामने आते हैं। लेकिन अब चिडियों के बारे में मार्गदर्शन और जानकारी देने वाले ‘बर्ड गाइड’ तैयार हो रहे हैं। इसकी शुरुआत बिहार से हो चुकी है। बिहार में पहली बार ‘बर्ड गाइड’ बनाने का प्रशिक्षण भागलपुर के प्रकृति व्याख्याता केंद्र, सुंदरवन में 31 अगस्त से शुरू हो चुका है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार की ओर से युवाओं को प्रशिक्षित कर ‘बर्ड गाइड’ बनाने की यह पहल अपने आप में अनोखी है। फ़िलहाल इस प्रशिक्षण में 51 लोगों को शामिल किया गया है।

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‘बर्ड गाइड’ देंगे पक्षियों के बारे में जानकारी

अमूमन ‘बर्ड वाचर’ तो मिल जाते हैं। जो व्यक्तिगत स्तर पर पक्षियों के संरक्षण में लगे रहते हैं और जानकारी जमा करते रहते हैं। लेकिन पक्षियों के बारे में गाइड की तरह जानकारी देने वाले नहीं मिलते। ऐसे में पक्षी प्रेमी इंटरनेट पर पक्षियों के बारे में जानकारी तलाशते हैं या फिर जानकारों से संपर्क करते हैं। लेकिन जब सही जानकारी नहीं मिलती है तो वे निराश हो जाते हैं। ‘बर्ड गाइड’ के तैयार हो जाने से अब आम लोगों या पक्षी प्रेमियों को भटकना नहीं पड़ेगा। क्योंकि प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा पक्षियों के मूल सिद्धांतों के बारे में बताया जाएगा। साथ ही उनके बिजनेस स्कील को विकसित किया जाएगा। पक्षियों की पहचान, रेफरेंस बुक इस्तेमाल, बर्ड बायोलॉजी सहित पक्षियों से जुड़ी हर पहलू का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसमें पक्षियों का संरक्षण का प्रशिक्षण भी शामिल है।

भारत में पक्षियों के बारे में जानने और उनके संरक्षण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं दिखती है। हमारे आसपास सैकड़ों पक्षी और उनकी प्रजातियां है लेकिन हम उससे अवगत नहीं है। प्रकृति के इन ख़ास तोहफा को इन्सान नजर अंदाज कर देता हैं। कई विलुप्त पक्षियों की जानकारी के अभाव में उसका शिकार करने से इन्सान बाज नहीं आता है। उल्लेखनीय है कि भारत में अब तक पक्षियों की कुल 1,333 प्रजातियां दर्ज की गई हैं।

पक्षियों की कुल आबादी में आई गिरावट

भारत में पक्षियों की कुल आबादी के पाँचवें हिस्से को 25 वर्षों में दीर्घकालिक गिरावट का सामना करना पड़ा है। प्रवासी तटीय और कुछ विशेष आवासों में रहने वाले पक्षी पिछले दशकों में सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। पश्चिमी घाट में भी पक्षियों की संख्या में भी वर्ष 2000 के बाद से लगभग 75 प्रतिशत की गिरावट आई है। गौरतलब है कि पश्चिमी घाट को दुनिया की सबसे अग्रणी जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक माना जाता है।

बहरहाल, बिहार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के सुन्दर वन, भागलपुर द्वारा ‘बर्ड गाइड’ का जो नायाब प्रयास शुरू हुआ है यकीनन उससे पक्षी प्रेमियों के साथ-साथ आम लोगों को भी पक्षियों के प्रति लगाव और गाढ़ा होगा। साथ ही पर्यावरण और वन क्षेत्र में पर्यटन की तस्वीर भी बदलेगी।

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