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क्या टीम इंडिया इस बार मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सेमीफाइनल जीत जाएंगे?

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भारत आज तक कभी मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सेमीफाइनल नहीं जीता। इस वर्ल्ड कप के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में 4 मैच खेले गए, जहां 3 बार पहले बैटिंग करने वाली टीम ने जीत हासिल की। सिर्फ एक बार ग्लेन मैक्सवेल ने नाबाद 201 रन जड़कर असंभव को संभव कर दिया था। हर दिन वैसी पारी संभव नहीं है। ऐसे में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना ही बेहतर विकल्प रहेगा।

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न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल

15 नवंबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल खेलने भारत मुंबई के इसी वानखेड़े स्टेडियम में उतरेगा। आज से 36 साल पहले 1987 में वर्ल्ड कप के दौरान वानखेड़े में भारत और इंग्लैंड आमने-सामने हुए थे। हमें 35 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। 1989 में खेले गए नेहरू कप के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज ने टीम इंडिया को 8 विकेट से शिकस्त दी थी। आखिरी बार 2016 के T-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज ने भारत को 7 विकेट से परास्त कर दिया था।

काला इतिहास बदलने के लिए कमर कस चुकी टीम इंडिया

2016 वाला मैच तो सबको याद है। किस तरह ओस और कमजोर गेंदबाजी ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेरा था। कहते हैं कि इतिहास बदलता जरूर है। भारत अबकी बार वानखेड़े का काला इतिहास बदलने के लिए कमर कस चुका है। हालांकि भारत के लिए भारतीय मूल के रचिन रवींद्र ही सबसे बड़ा खतरा होंगे। मैच 9…रन 565…एवरेज 70.62…शतक 3 और अर्धशतक भी 3…! ये आंकड़े उस बल्लेबाज के हैं, जिसने डेब्यू वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने का कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है। जब केन विलियमसन चोट के कारण टीम से बाहर थे, तब यह बल्लेबाज फर्स्ट डाउन खेल रहा था। अब विलियमसन के आने के बाद ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाल रहा है।

रचिन रवींद्र से खतरा

रचिन रवींद्र वर्ल्ड कप में तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। केन विलियमसन बड़े मैच में बेहतरीन प्रदर्शन और उम्दा कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। इसी साल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भी उन्होंने हमारी जीत की उम्मीदों को मिट्टी में मिला दिया था। रचिन रवींद्र और विलियमसन को रोकने की जिम्मेदारी भारत की पेस तिकड़ी पर होगी। 9 मैच के बाद भारत के लिए सर्वाधिक 17 सफलता जसप्रीत बुमराह ने हासिल की है। 5 मैच में 16 विकेट के साथ मोहम्मद शमी दूसरे स्थान पर हैं।

सेमीफाइनल से पहले तीनों गेंदबाज लय में

मोहम्मद सिराज के नाम 9 मैच के बाद 12 सफलता है। जसप्रीत बुमराह इस वर्ल्ड कप में 300 डॉट बॉल डालने वाले इकलौते गेंदबाज हैं। मोहम्मद शमी दो बार पंजा खोल चुके हैं। श्रीलंका के खिलाफ 3 विकेट चटकाने वाले मोहम्मद सिराज ने नीदरलैंड के खिलाफ भी 2 सफलता हासिल की। ऐसे में बड़े सेमीफाइनल से पहले तीनों गेंदबाज लय में नजर आ रहे हैं।

अब बात करते हैं उस गेंदबाज की, जो अक्सर भारतीय टॉप ऑर्डर का काल बनकर आता है। ट्रेंट बोल्ट ने इस वर्ल्ड कप के 9 मैच में 5.16 की इकोनॉमी के साथ 13 विकेट हासिल किए हैं। 37 रन देकर 3 विकेट हासिल करना उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। मिचेल सैंटनर भी 9 मैच में 4.81 की इकॉनॉमी से 16 विकेट हासिल कर चुके हैं। 59 रन देकर 5 विकेट चटकाना इस वर्ल्ड कप में सैंटनर का बेस्ट परफॉर्मेंस है। ऐसे में इन दोनों गेंदबाजों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन विराट कोहली और रोहित शर्मा के नाम

 भारत के लिए वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन विराट कोहली और रोहित शर्मा ने बनाए हैं। दोनों ने 500 का आंकड़ा पार कर लिया है। विराट 9 मैच में 5 अर्धशतक और 2 शतक की मदद से  99 की एवरेज के साथ 594 रन जुड़ चुके हैं। हिटमैन के नाम 9 मैच में 1 शतक और 3 अर्धशतक के साथ 503 रन हैं। रोहित का स्ट्राइक रेट 121.5 0 और बैटिंग एवरेज 55.89 रहा है। भारत को इन दोनों बल्लेबाजों से बड़ी पारी की दरकार होगी। केएल राहुल और श्रेयस अय्यर बेहतरीन लय में दिख रहे हैं।

सबसे बड़ी भूमिका सूर्यकुमार यादव की

श्रेयस अय्यर इस वर्ल्ड कप में 421 रन बना चुके हैं और वह वर्ल्ड कप के इतिहास में 400 का आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। दूसरी तरफ राहुल ने नीदरलैंड के खिलाफ सिर्फ 62 गेंद पर सेंचुरी जड़कर वर्ल्ड कप में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज होने का कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है। इन दोनों के बाद सबसे बड़ी भूमिका सूर्यकुमार यादव की होगी। उनके जैसा फिनिशर फिलहाल भारत के पास दूसरा नहीं है।

टीम इंडिया के धुआंधार फिनिशर

अगर अपने घर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सूर्यकुमार यादव टीम इंडिया को धुआंधार फिनिश दे पाए, तो फिर हमें फाइनल खेलने से कोई नहीं रोक पाएगा। ग्लेन फिलिप्स और रचिन रवींद्र न्यूजीलैंड के पांचवें-छठे बोलिंग ऑप्शन हैं। ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी, लॉकी फर्ग्यूसन और मिचेल सैंटनर के बाद भारत को इन दोनों पार्ट टाइमर्स के 10 ओवर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करनी होगी। यहीं पर सूर्यकुमार यादव की भूमिका अहम हो जाएगी। 2019 वर्ल्ड कप, सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली शिकस्त का जख्म आज भी ताजा है। पर 2003 वर्ल्ड कप के बाद पहली बार हमने इस वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड को हराया है। यह कॉन्फिडेंस भारत के काम आएगा।

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