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क्या इस बार साउथ अफ्रीका चोकर्स का टैग उतार फेंकेगी

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विशाल लक्ष्य के आगे महमूदुल्लाह के शतक के बावजूद बांग्लादेश 149 रन से हार गया। पहले खेलते हुए अफ्रीकी टीम ने 5 विकेट के नुकसान पर 383 रन बनाए, जवाब में बांग्लादेश 46.4 ओवर में 233 पर ऑलआउट हो गया। इसी के साथ साउथ अफ्रीका 5 मैच में 4 जीत के साथ पॉइंट्स टेबल में दूसरे स्थान पर आ गया। उसका नेट रनरेट +2.370 है। सभी 5 मैच जीत कर भारत टॉप पर कायम है।

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महमूदुल्लाह शतक के थोड़ी-बहुत लाज बचा

अपने पांचों वर्ल्ड कप मैच में साउथ अफ्रीका ने सिर्फ 5 गेंदबाजों को ही बॉलिंग दी है और हर मैच में प्रत्येक गेंदबाज को सफलता मिली है। वर्ल्ड कप में लगातार 5 मैच में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। वैसे बांग्लादेश के 6 विकेट तो 81 के स्कोर पर ही गिर गए थे, महमूदुल्लाह ने शतक जड़कर थोड़ी-बहुत लाज बचा ली।

टेम्बा बावुमा की जगह ऐडन मार्करम कप्तान

ताबड़तोड़ 174 रन बनाने वाले क्विंटन डी कॉक को मैन ऑफ द मैच चुना गया। आइए, शुरू से शुरू करते हैं। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। बीमार कप्तान टेम्बा बावुमा की जगह ऐडन मार्करम ने कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली। टेम्बा बावुमा की जगह टीम में खेल रहे रीजा हेंड्रिक्स को 12 के निजी स्कोर पर 7वें ओवर की पहली पिच्ड अप गेंद पर शोरिफुल इस्लाम ने बोल्ड कर दिया। लगा कि टेम्बा बावुमा की कमी साउथ अफ्रीका को भारी पड़ेगी। संकट और ज्यादा गहरा गया, जब 1 रन बनाकर रासी वान डर डसन भी मेहंदी हसन मिराज के आठवें ओवर की पांचवीं फुलर लेंथ गेंद पर एक्रॉस द लाइन शॉर्ट खेलने के प्रयास में LBW हो गए। स्कोर 33 पर 1 से 36 पर 2 आउट।

क्विंटन डी कॉक ने संभाला मोर्चा

क्विंटन डी कॉक और ऐडन मार्करम ने मोर्चा संभाला। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 137 गेंद पर 131 रन की साझेदारी हुई। इस पार्टनरशिप ने साउथ अफ्रीका को खेल में वापस ला दिया। अब मामला यह है कि ऐडन मार्करम एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से वन हैंडेड लॉफ्टेड शॉट के लिए जाने जाते हैं। बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन के 31वें ओवर की चौथी आउटसाइड ऑफ फुलर लेंथ गेंद पर मार्करम ने यही प्रयास किया। गेंद बल्ले के निचले हिस्से से लगी और लॉन्गऑफ के फील्डर के लिए कैचिंग प्रैक्टिस हो गया। ऐडन मार्करम ने 69 गेंद पर 7 चौकों की मदद से 60 रन की पारी खेली। स्कोर 167 पर 3 आउट।

क्विंटन डी कॉक का दोहरा शतक से चुके

क्विंटन डी कॉक का साथ निभाने हेनरिक क्लासेन आ गए। दोनों ने मिलकर 87 गेंद पर 142 रन कूट दिए। डीकॉक 48 साल के वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए। उन्होंने 140 गेंद पर 15 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 174 रन कूटे। स्ट्राइक रेट 124.29 का रहा। एक वक्त ऐसा था, जब क्विंटन डी कॉक का दोहरा शतक पक्का लग रहा था। हसन महमूद ने 46वें ओवर की पहली गेंद लोअर फुलटॉस आउटसाइड ऑफ डाली। डी कॉक ने इसे जानबूझकर स्लाइस किया, लेकिन बैकवर्ड पॉइंट बाउंड्री पर नसुम अहमद ने उम्दा कैच पकड़ लिया।

वनडे फॉर्मेट से संन्यास ना लेने की अपील

वानखेड़े स्टेडियम में मौजूद हजारों दर्शकों ने खड़े होकर क्विंटन डी कॉक की पारी को सलाम किया। जिस वक्त डी कॉक पवेलियन घुस रहे थे, दर्शकों ने नारेबाजी करते हुए उनसे वर्ल्ड कप के बाद वनडे फॉर्मेट से संन्यास ना लेने की अपील की। डी कॉक इसलिए भी वानखेड़े के दुलारे हैं, क्योंकि उन्होंने कई वर्षों तक हिटमैन के साथ मुंबई इंडियंस के लिए वहां सलामी बल्लेबाजी की है।

क्लासेन और डेविड मिलर का कमाल

डी कॉक के जाने के बाद थोड़ी उम्मीद जगी कि शायद बांग्लादेश वापसी करेगा। पर हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर ने पांचवें विकेट के लिए 25 गेंद पर 65 रन जोड़ दिए। पुरानी कहावत है कि अंत भला तो सब भला। हेनरिक क्लासेन आखिरी ओवर में 49 गेंद पर 183.67 की स्ट्राइक रेट से 2 चौकों और 8 छक्कों के साथ 90 रन कूटकर आउट हुए। डेविड मिलर 15 गेंद पर 1 चौके और 4 छक्कों की मदद से 34 रन बनाकर नाबाद रहे। मामला 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 382 तक पहुंच गया।

वर्ल्ड कप के इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज

अगर जीतना था, तो बांग्लादेशी टाइगर्स को वर्ल्ड कप के इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज करके दिखाना पड़ता। अब इतनी मेहनत कौन करे। मार्को यानसेन ने छठे ओवर की पहली गेंद पर तंजीद हसन और दूसरी गेंद पर नजमुल हुसैन शांतो को पवेलियन रवाना कर दिया। 12 के निजी स्कोर पर तंजीद शॉर्ट बॉल पर पुल खेलने में नाकाम हुए और टॉप एज विकेटकीपर क्लासेन ने पकड़ लिया। वहीं शांतो पैड्स की गेंद को हल्के हाथ से खेलने के चक्कर में विकेटकीपर को कैच दे बैठे।

नजमुल हुसैन शांतो दूसरी बार किया निराश

गौर करने वाली बात यह है कि नजमुल हुसैन शांतो इस वर्ल्ड कप में दूसरी बार गोल्डन डक का शिकार हुए। स्कोर 30 पर 2 आउट। बांग्लादेशी समर्थक जरा सी सांस लेते, कप्तान शाकिब भी पीठ दिखा कर चलते बने। शाकिब अल हसन ने लिज़ाद विलियम्स को पहला वर्ल्ड कप विकेट चटकाने की खुशी दी। दरअसल विलियम्स के आठवें ओवर की दूसरी शॉर्ट ऑफ लेंथ गेंद टप्पा खाने के बाद बल्लेबाज से दूर जा रही थी। शाकिब ने गेंद के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया और विकेटकीपर क्लासेन ने अपनी बाईं तरफ उड़ते हुए कैच पकड़ लिया। 31 पर 3 आउट।

अब इतना साफ हो चुका था कि टारगेट बांग्लादेश चेज नहीं करने वाला है। देखना था कि उसका कोई बल्लेबाज टाइगर वाला कलेजा दिखा पता है या नहीं। शाकिब के बाद उसके सबसे बड़े बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम को जेराल्ट कूट्जी ने विदा कर दिया। उन्होंने 12वें ओवर की पांचवीं गेंद आउटसाइड ऑफ शॉर्ट बॉल रखी। रहीम के पास कट करने का मौका था, लेकिन उन्होंने शॉट को जमीन पर रखना जरूरी नहीं समझा। डीप थर्ड मैन फील्डर ने खुशी-खुशी कैच पकड़ लिया। मुशफिकुर रहीम ने 17 गेंद पर बनाए 8 और स्कोर हो गया 42 पर 4 आउट।

महमूदुल्लाह एकतरफा किया संघर्ष

15वें ओवर की अंतिम गेंद पर लिटन दास के साथ बांग्लादेश की आधी टीम पवेलियन लौट गई। वह कागिसो रबाडा की गेंद को फ्लिक करने के प्रयास में चूके और LBW करार दिए गए। लिटन ने 44 गेंद तक संघर्ष करने के बाद 22 रन बनाए। केशव महाराज को स्लॉग स्वीप करने के प्रयास में मेहंदी हसन मिराज का टॉप एज डीप स्क्वायर लेग फील्डर के हाथ चला गया। मेहंदी ने बनाए 11 और स्कोर 81 पर 6 आउट। नसुम अहमद 19 और हसन महमूद भी 15 रन बनाकर लौट गए। नसुम को जेराल्ट कूट्जी ने कॉट एंड बोल्ड किया, जबकि हसन महमूद रबाडा को डाउन द ग्राउंड छक्का मारने के चक्कर में मिड ऑफ पर पकड़े गए। स्कोर 36.4 ओवर में 159 पर 4 आउट। यहां से जीत के लिए 80 गेंद पर सिर्फ 214 रन की दरकार थी।

महमूदुल्लाह एकतरफा संघर्ष किए जा रहे थे। वह बांग्लादेश के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को आइना दिखा रहे थे। महमूदुल्लाह ने 111 गेंद पर 11 चौकों और 4 छक्कों के साथ 111 रन बनाए। वह नवें विकेट के तौर पर आउट हुए। प्रोटियाज के लिए जेराल्ट कूट्जी ने 10 ओवर में 62 रन देकर 3 सफलता हासिल की। कगिसो रबाडा, मार्को यानसेन और लिज़ाद विलियम्स को 2-2 सफलता मिली। 1 विकेट केशव महाराज के हाथ लगा।

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