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यशस्वी जयसवाल के संघर्ष की पूरी कहानी, जिस मैदान के बाहर टेंट में सोए,वही पर शतक लगाकर इतिहास रच दिया

यशस्वी जयसवाल के संघर्ष की पूरी कहानी, जिस मैदान के बाहर टेंट में सोए,वही पर शतक लगाकर इतिहास रच दिया

यशस्वी जयसवाल के संघर्ष की पूरी कहानी, जिस मैदान के बाहर टेंट में सोए,वही पर शतक लगाकर इतिहास रच दिया

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आज एक ऐसे खिलाड़ी की बात करने जा रहे हैं जिसने बहुत कम समय में क्रिकेट जगत में नाम बना लिया है, नाम.. यशस्वी जयसवाल! काम 21 साल की उम्र में दिग्गजों को पछाड़ कर ऑरेंज कैप अपने नाम करना। यशस्वी जयसवाल ने 200 की स्ट्राइक रेट से महज 62 गेंदो में 124*रन जिसमें उन्होंने 16 चौके और छक्के 8 की ताबड़तोड़ पारी खेली जो अब तक आईपीएल में सबसे शानदार पारियों में से एक है.

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यशस्वी जयसवाल का नाम इन दिनों क्रिकेट जगत में जिस तेजी से घूम रहा है बिल्कुल फिल्मों कहानी जैसा है, यशस्वी आज जिस जगह खडे है, वह सफर आसान नहीं था, क्रिकेट के लिए महज 10 साल की उम्र में घर छोड दिया था, यशस्‍वी जायसवाल मूल रूप से उत्‍तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं. उनका परिवार काफी गरीब था. उनके पिता छोटी सी दुकान चलाते हैं. ऐसे में अपने सपनों को पूरा करने के लिए वे सपनो की नगरी मुंबई चले गए, और दिन- रात मेहनत करके धीरे-धीरे क्रिकेट में अपनी जगह बनाते चले गये और
स्‍थानीय क्रिकेट में यशस्‍वी के बल्‍ले की धमक सुनाई पड़ी और उनकी गाड़ी चल पड़ी. आईपीएल 2023 के मुम्बई- राजस्थान मैच में जो कुछ हुआ वह किसी चमत्कार से कम नही था….

यशस्वी जायसवाल सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि प्रेरणा हैं उन सभी युवाओं के लिए, जो अपनी परिस्थितियों से लड़कर कुछ हासिल करने का जज्बा रखते हैं. एक वक्त में यशस्वी मुंबई के एक चॉल में रहते थे. उन्होंने अपने पिता के साथ पानी-पुरी भी बेची. अब अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने अपना खुद का मुकाम बनाया, और वानखेड़े में शतक जड़कर इतिहास रच दिया.

IPL 2023 में मुंबई के खिलाफ शतक जड़ने के बाद मैच सेरेमनी में यशस्‍वी ने कहा, ” मैं, यहां तक पहुंचकर मैं काफी इमोशनल फील कर रहा हूं. मैं आजाद मैदान में एक टीन के मकान में रहा करता था. यहां से लाइट आती थी तो सोचता था कि कभी अंदर जाने का मौका कब मिलेगा. अंदर से आने वाला शोर मुझे काफी आकर्षित करता था. अब मैं आगे के बारे में सोच रहा हूं. खुद को मानसिक तौर पर मजबूत रखने का प्रयास करता हूं.”

यशस्‍वी ने आगे कहा, मैच के बाद के रुटीन में भी मैं खुद को डिसिप्लिन में रखने की कोशिश करता हूं. फिलहाल मेरा फोकस अपने गेम पर है और मैं अगे भी उसी पर काम करना चाहता हूं. जब मैंने शतक लगाया तो मुझे नहीं पता था कि गेंद बाउंड्री पार हो चुकी है. जब ऐसा हुआ तो मैने भगवान का शुक्रिया किया. मैंने हमेशा से ही ऐसा करने का सपना देखा था. केवल प्रक्रियाओं पर फोकस करना चाहता था और मेहनत भी. रिजल्ट खुद ब खुद मिल गया.”

IPL हमेशा से युवा खिलाड़ी के लिए वरदान सबित हुआ खास कर 2023 में खेला जा रहा IPLमें रिंकू सिंह, तिलक वर्मा, मो. सिराज को देख ले जो आपनी मेहनत से क्रिकेट जगत में सितारे बनकर चमके हैं.

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