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Common Wealth Games: भारतीय वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने 61 किलोग्राम भारवर्ग में जीता कांस्य

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कहते हैं न कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। इसी कहावत को सच साबित कर दिखाया है। पिक-अप चालक के बेटे गुरुराजा ने शनिवार को भारत के लिए Common Wealth Games का दूसरा पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया है। स्नैच एंड क्लीन-जर्क इवेंट में गुरुराजा पदक जीतने में सफल रहें हैं। स्नैच में गुरुराजा ने 118 किलोग्राम का भार उठाया, जबकि क्लीन एंड जर्क में 269 किलोग्राम का भार उठाया। गुरुराजा को आखिरी के राउंड में कनाडा के यूरी सिमार्ड से कड़ी टक्कर मिली।

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गुरुराजा ने Common Wealth Games में जीता कांस्य पदक

क्लीन एंड जर्क में गुरुराजा सिमार्ड से एक किलो ज्यादा भार उठाने में सफल रहे।आपको बता दें कि पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में गुरुराजा ने रजत पदक अपने नाम किया था। हालांकि, इस बार उन्होंने कांस्य पदक जीता है। ये आज के दिन का भारत का दूसरा पदक है। इससे पहले वेटलिफ्टिंग में ही संकेत सरगर ने 55 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक को देश की झोली में डाला था। 29 साल के गुरुराजा के इस कांस्य पदक को जीतने तक की कहानी बेहद दिलचस्प रही है।

क्या है गुरुराजा के संघर्ष की कहानी

आपको बता दें कि उनके पिता महाबाला पुजारी एक साधारण से पिक-अप और ट्रक के चालक हैं, लेकिन उन्होंने कभी बेटे को हिम्मत नहीं हारने दी।इस लड़के ने ऐसे विपरीत हालातों में भी हिम्मत नहीं हारी। गुरुराजा ने जमकर मेहनत की और भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में पदक भी जीते।यहां तक आज Common Wealth Games में कांस्य जीतनें में भी सफल रहे।

गुरुराजा का जन्म 15 अगस्त 1992 को कर्नाटक के उडीपी जिले के कुंडापुरा गांव में हुआ था। स्कूल के दिनों से ही गुरुराजा को खेलों के प्रति काफी रुचि थी। हाईस्कूल के समय गुरुराजा का मन पहलवान बनने का था। इसके लिए उन्होंने कुश्ती के दांव पेंच भी सीखे थे। किस्मत ने उनका साथ दिया और 12वीं की पढ़ाई के दौरान उनके शिक्षक ने उन्हें खेल में आगे बढ़ने में आर्थिक मदद भी की।

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रिपोर्ट: निशांत

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