श्रीकृष्णजन्माष्टमीः भक्त कर रहे बेसब्री से इंतजार, ऐसे करें पूजन थाल तैयार
ब्रज सहित देश के सभी भक्त कान्हा जी के जन्मोत्सव की भक्ति में लीन होने को आतुर हैं। हम आपको बताएंगे कि इस पावन अवसर पर कान्हा जी की आराधना कैसे करें। क्योंकि सही पूजन विधि के साथ पावन होगी भावना तो पूरी होगी हर मनोकामना।
बन रहा अद्भुत संयोग
जन के आराध्य और सबके मन मोहना कान्हा जी का जन्मोत्सव इस बार बेहद खास है। इस बार 30 साल बाद शनि स्वराशि कुंभ में विराजित हैं। ऐसे में इस बार सर्वार्थ सिद्धि का अद्भुत संयोग बन रहा है।
जन्माष्टमी पर कान्हा जी की पूजन विधि
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद पूजन थाल में फल, फूल, नारियल, धूप, दीप, पान, पंचामृत, मिष्ठान, तुलसीदल एवं अन्य पूजन समाग्री सजाएं।
मंदिर में विराजित श्रीविग्रहों को स्नान कराकर सर्व प्रथम गणपति का पूजन करें।
इसके बाद कान्हा जी को जल में स्नान कराकर पंचामृत से उनका अभिषेक करें। पुनः कान्हाजी के श्री विग्रह को जल से स्नान कराकर, वस्त्र आभूषण पहनाएं।
फल-फूल, पान, नारियल, जनेऊ, मिष्ठान पंचामृत सहित अन्य पूजन सामग्री उन्हें अर्पित करें।
तुलसीदल के साथ माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
दीपक या कपूर जलाकर आरती करें और ऊँ नमो भगवते श्री गोविन्दाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
पूजन में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। ततपश्चात् परिवार और अन्य भक्तों को कान्हा जी का भोग प्रसाद वितरित करें।
ब्रज में उल्लास, भक्त आनंदित
जन्माष्टमी के खास अवसर पर ब्रज उल्लास में सरावोर है। पोतरा कुंड में म्यूजिकल फाउंटेन के साथ आकर्षक सजावट गई है तो वहीं श्रीकृष्णजन्म स्थान, ठाकुर श्रीबांके बिहारी मंदिर सहित मथुरा-वृंदावन के तमाम मंदिरों को सजाया गया है। लाखों की संख्या में भक्त कान्हा की नगरी इस उत्सव के साक्षी होने के लिए पहुंच चुके हैं।
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