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Sanjay Raut ED Summon: क्या है पात्रा चॉल जमीन घोटाला, संजय राउत पर क्यों लटक रही है तलवार ?

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नई दिल्ली। शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई के भांडुप स्थित घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापा मारा है. ईडी उनसे सवाल-जवाब भी कर रही है. इस घोटाले में ED ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है. इससे पहले राउत को 20 और 27 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन राउत ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे उन्होंने अपने वकील के जरिए ये संदेश पहुंचाया था कि वे 7 अगस्त तक ही पूछताछ के लिए आ सकते हैं। इस मामले में अप्रैल में ED ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके करीबियों की 11.15 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की थी. लेकिन ये पात्रा चॉल जमीन घोटाले की पूरी कहानी क्या है?

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15 पॉइंट्स से समझिए क्या है पात्रा चॉल घोटाला?

1. 2018 में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एक केस दर्ज कराया. ये केस राकेश कुमार वधावन, सारंग कुमार वधावन और अन्य के खिलाफ था।

2. ED के मुताबिक, जांच के दौरान सामने आया कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था. ये काम MHADA ने उसे सौंपा था. इसके तहत कंस्ट्रक्शन कंपनी को पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों को पुनर्विकसित करना था।

3. पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव में बनी है. जिस जमीन पर ये फ्लैट रिडेवलप होने थे, उसका एरिया 47 एकड़ था. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही ये जमीन 9 बिल्डरों को बेच दी. इससे उसे 901.79 करोड़ रुपये मिले।

4. बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने Meadows नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए. जांच में आया कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने गैरकानूनी तरीके से 1,039.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. बाद में गैरकानूनी तरीके से रकम सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी।

5. गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सिस्टर कंपनी है. राकेश वधावन, सारंग वधावन और प्रवीण राउत HDIL में भी डायरेक्टर थे।

6. ED के मुताबिक, जांच में सामने आया कि HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे. बाद में ये पैसा प्रवीण राउत ने अलग-अलग बैंक खातों से अपने करीबियों, परिवार के सदस्यों और व्यावसायिक संस्थानों को भेज दिया।

7. जांच में ये भी सामने आया कि 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. ये पैसा गैरकानूनी तरीके से कमाया गया था. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा।

8. ED की जांच में ये भी आया कि जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे. ED के मुताबिक, प्रवीण राउत ने राकेश वधावन और सारंग वधावन के साथ मिलकर हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी की है। 

9. ED ने बताया था कि 2010 में प्रवीण राउत को इक्विटी बिक्री और लैंड डील के लिए 95 करोड़ रुपये मिले थे. हालांकि, कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाया था. कुल मिलाकर प्रवीण राउत, राकेश वधावन और सारंग वधावन ने रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये हेरफेर किए।

10. इस मामले में ED ने प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. मामले में प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया गया था और पाटकर का बयान दर्ज किया गया था।

11. प्रवीण रावत और वधावन बंधुओं का नाम PMC बैंक घोटाले में भी आया था. प्रवीण राउत और संजय राउत कथित तौर पर दोस्त हैं. वहीं, सुजीत पाटकर को भी संजय राउत का करीबी माना जाता है. सुजीत पाटकर संजय राउत की बेटी के साथ एक वाइन ट्रेडिंग कंपनी में पार्टनर भी है।

12. इसके अलावा पाटकर की पत्नी और संजय राउत की पत्नी ने मिलकर अलीबाग में एक जमीन भी खरीदी थी. अलीबाग की ये लैंड डील भी ED के रडार पर है।

13. पाटकर को मुंबई और ठाणे में कई जगह कोविड सेंटर बनाने के लिए ठेके भी मिले थे. बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने इन ठेकों में अनियमितताएं होने का आरोप लगाया था. सोमैया ने पाटकर और उनकी कंपनी के खिलाफ पुणे के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी।

14. प्रवीण राउत PMC बैंक घोटाले में भी आरोपी है. दिसंबर 2020 में इस घोटाले से जुड़े मामले में उसकी 72 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की गई थी. ED ने पिछले साल वर्षा राउत से PMC बैंक घोटाले और माधुरी राउत (प्रवीण की पत्नी) से संबंधों को लेकर पूछताछ की थी।

15. जांच में पाया गया था कि वर्षा राउत और माधुरी राउत अवनी कंस्ट्रक्शन में पार्टनर हैं. इस कंपनी में वर्षा राउत ने सिर्फ 5,625 रुपये का कंट्रीब्यूशन किया था, जबकि इस कंपनी से उन्हें 12 लाख रुपये मिले थे।

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