
RTI Act: दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत शिकायतकर्ता को यौन उत्पीड़न मामले से संबंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह ने कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित जानकारी स्पष्ट रूप से मानवाधिकार उल्लंघन के दायरे में आएगी और इस प्रकार ईडी आरटीआई अधिनियम के तहत छूट का दावा नहीं कर सकता है।
RTI Act: मनावाधिकार उल्लंघन को छोड़कर
आरटीआई अधिनियम की धारा 24 कुछ खुफिया और सुरक्षा संगठनों को मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को छोड़कर, आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी का खुलासा करने से छूट देती है। इस प्रावधान का हवाला देते हुए मई 2017 में ईडी ने यौन उत्पीड़न मामले में एक अधिकारी के खिलाफ आदेश के कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी देने से इनकार कर दिया था।
RTI Act: साल 2019 में दिया था निर्देश
हालांकि, केंद्रीय सूचना आयोग ने मार्च 2019 में ईडी को संगठन के एक कर्मचारी, आरटीआई आवेदक को जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया। इस फैसले को केंद्रीय एजेंसी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। कोर्ट ने पहले ईडी द्वारा एक कर्मचारी को सेवा रिकॉर्ड की आपूर्ति से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने के लिए मामले को लंबित रखा था। उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने उस मामले में कहा था कि सेवा से संबंधित जानकारी की आपूर्ति न करना मानवाधिकार का उल्लंघन माना जा सकता है।
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